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एक चंचल फैनबेस

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यूहन्ना 2:23-25 23  जब वह यरूशलेम में फसह के समय पर्व में था, तो बहुतों ने उन चिन्हों को जो वह दिखाता था देखकर उसके नाम पर विश्वास किया। 24 परन्तु यीशु ने अपने आप को उन के भरोसे पर नहीं छोड़ा, क्योंकि वह सब को जानता था। 25 और उसे प्रयोजन न था, कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप ही जानता था, कि मनुष्य के मन में क्या है

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एक चंचल फैनबेस


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हम माजिक प्राणी के रूप में बनाए गए हैं इसलिए जब हमारे रिश्ते एक समान होते हैं तो हम इसे पसंद करते हैं । इसमें हमें अन्य लोगों को प्रसन्न करना शामिल है और निश्चित रूप से दूसरे लोग भी हमे प्रसन्न करते है । लेकिन लोगों को खुश करने वाली यह पूरी बात हम बहुत दूर तक ले जा सकते हैं।

आपको पता है कि यह कैसे होता है। कोई भी रिश्ता देना और लेना है, जिसमे कहीं न कहीं संतुलन है। जब हम इसे ठीक से लेते हैं,   तो वे रिश्ते समृद्ध और फायदेमंद होते हैं,

लेकिन धीरे-धीरे, दूसरों की अपेक्षाएं हमारे जीवन को खत्म कर सकती हैं। हम सभी को पसंद किया जाना अच्छा लगता है, इसलिए इसे महसूस किए बिना हम दूसरों की धुन पर नाच सकते हैं, लगभग एक कठपुतली की तरह  जिसमें अन्य बहुत ही अपूर्ण लोग हमे नचाते रहते हैं। यह कुछ ऐसा है जिसे यीशु अच्छी तरह से जानता था।

यूहन्ना 2:23-25  जब वह यरूशलेम में फसह के समय पर्व में था, तो बहुतों ने उन चिन्हों को जो वह दिखाता था देखकर उसके नाम पर विश्वास किया। परन्तु यीशु ने अपने आप को उन के भरोसे पर नहीं छोड़ा, क्योंकि वह सब को जानता था। और उसे प्रयोजन न था, कि मनुष्य के विषय में कोई गवाही दे, क्योंकि वह आप ही जानता था, कि मनुष्य के मन में क्या है 

और उसने उन पर भरोसा न करके अच्छा किया क्योंकि बाद मे उन्हीं लोगों की एक क्रोधित भीड़ में चिल्ला चिल्ला के कहा था, “उसे क्रूस पर चढ़ाओ! उसे सूली पर चढ़ा दो!”

देखिए, आप कितने भी अच्छे क्यों न हों, और “भीड़ को वाह वाह” कितनी ही शानदार क्यों न हों, वे एक अविश्वसनीय रूप से चंचल प्रशंसक हैं। वे अनिवार्य रूप से आपको इस आधार पर आंकेंगे कि वे कैसा महसूस करते हैं और वे क्या चाहते हैं।

ज़रूर है , अच्छी तरह से किए गए काम के लिए पीठ पथपाना अच्छा है। लेकिन यीशु की तरह, समझिए कि लोगों के दिलों में क्या है। जानिए कब उनके इरादे नेक हैं और कब नहीं।

भीड़ को खुश करने के लिए मत जियो।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…