... helping you be all that God made you to be, because He plans on shining His light into this world through you.

Berni - ceo, Christianityworks

अपने अधिकारों के लिए खड़े होना।

We're glad you like it!

Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.

Register or Login

Add to Favourites

प्रेरितों के काम 8:32,33 पवित्र शास्त्र का जो अध्याय वह पढ़ रहा था, वह यह था; कि वह भेड़ की नाईं वध होने को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के साम्हने चुपचाप रहता है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला।  उस की दीनता में उसका न्याय होने नहीं पाया, और उसके समय के लोगों का वर्णन कौन करेगा, क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठाया जाता है।

Listen to the radio broadcast of

अपने अधिकारों के लिए खड़े होना।


Download audio file

अभी कुछ दिन पहले मैं आश्चर्य से बिल्कुल हिल गया। मेरे दिल को बड़ी तकलीफ हुई जब मैंने फेस बुक पर एक बड़े लोकप्रिये मसीही नेता द्वारा लिखा एक कथन पढ़ा। 

मैं जिस शख्स की बात कर रहा हूं उन के करीब 400,000 फॉलोअर्स हैं। वह मसीही होने का दावा करते है। उन्होंने लिखा:  समयआगयाहैकिमसीहीलोगअपनेलिएखड़ेहोंऔरउनलोगोंकाबहिष्कारकरनाशुरूकरेंजोहमारेविश्वासकाअनादरकरतेहैं।

उस पोस्ट को लगभग 73,000 लाइक, 64,000 कमेंट और लगभग 5,500 शेयर मिले। अब जब कि हमारे विश्वास पर हर तरफ से हमले हो रहे हैं, शायद यह दृष्टिकोण अधिक अनुचित नहीं लगता है। “अपने अधिकारों के लिए खड़े होने” का विचार इन दिनों परमेश्वर के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गया है।

लेकिन सिर्फ इसलिए कि कुछ लोकप्रिय है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह अचानक सही हो गया। उनकी पोस्ट पर मेरी प्रतिक्रिया यह थी:

प्रेरितोंकेकाम 8:32,33 वह भेड़ की नाईं वध होने को पहुंचाया गया, और जैसा मेम्ना अपने ऊन कतरने वालों के साम्हने चुपचाप रहता है, वैसे ही उस ने भी अपना मुंह न खोला। उस की दीनता में उसका न्याय होने नहीं पाया, और उसके समय के लोगों का वर्णन कौन करेगा, क्योंकि पृथ्वी से उसका प्राण उठाया जाता है।

ऐसा लगता है कि यीशु अपने अधिकारों के लिए खड़े होने के व्यवसाय में नहीं थे। ठीक इसके विपरीत उसने आप और मेरे जैसे पापियों के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया, ताकि उस क्रूस पर अपने कष्टों के माध्यम से, वह हमारे लिए परमेश्वर की संतान बनने का अधिकार खरीद सके।

जैसे भेड़ को वध के लिए ले जाया जाता है,… उसके साथ न्‍याय नहीं किया गया। 

आज हम कहाँ होते, अगर उन्होंने चुप रहने के बजाय पोंटियस पायलट के सामने अपनी बेगुनाही का तर्क दिया होता? हम अनंत काल कहाँ बिताते, यदि उसने क्रूस से परहेज किया होता? लेकिन नहीं। यीशु ने अपने अधिकारों को त्याग दिया, ताकि हमें जीवन मिल सके। इन दिनों आपको क्या लगता है कि हमें कुछ अलग होना चाहिए?

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…