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प्रभु पर भरोसा करना बेहतर है

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भजन संहिता 118:9-12 यहोवा की शरण लेनी, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है॥ सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! उन्होंने मुझ को घेर लिया है, नि:सन्देह घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! उन्होंने मुझे मधुमक्खियों की नाईं घेर लिया है, परन्तु कांटों की आग की नाईं वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!

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प्रभु पर भरोसा करना बेहतर है


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हम सभी के दुश्मन हैं। हम यह नहीं चाहते लेकिन फिर भी हैं। ऐसे लोग हैं जो शायद ईर्ष्यालु हैं। ऐसे लोग हैं जिनके साथ हमने शायद अन्याय किया है। ऐसे लोग हैं जिनके साथ हमने  गलत व्यवहार किया हैं

मुझे गलत मत समझिए , हर दुश्मन हमें मारना नहीं चाहता है, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो ऐसे लोग हैं जो चाहते हैं कि हम सफल न हों, या समृद्ध न हों। ऐसे लोग भी हैं जो हमारे अच्छे की कामना नहीं करते हैं। वे अप्रिय विचार रखते हैं और जब हम उनका सामना करते हैं, तो वे अप्रिय लोग होते हैं, उनकी अप्रिय प्रतिक्रियाएंहोती हैं ।

पुराने नियम में, अपने शत्रुओं को हराने के लिए परमेश्वर के लोगों की ओर से बहुत सारी प्रार्थनाएँ की गई थीं। जैसे बाइबल मे लिखा है …

भजन संहिता 118:9-12 यहोवा की शरण लेनी, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है॥सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!उन्होंने मुझ को घेर लिया है, नि:सन्देह घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!उन्होंने मुझे मधुमक्खियों की नाईं घेर लिया है, परन्तु कांटों की आग की नाईं वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!

वास्तव में, यह जीत का भजन है। यह बताता है कि परमेश्वर  ने जीवन और मृत्यु की स्थितियों में बार-बार क्या किया है। लेकिन हमारे लिए अभी इसका क्या अर्थ है? यह हमारे दुश्मनों पर कैसे लागू होता है?

अक्सर हम अपना भरोसा गलत चीजों पर रखते हैं। करिश्माई नेताओं या अन्य लोगों में, अपने आप में और अपनी क्षमता में, और भी न जाने किस किस मे । लेकिन प्रभु पर भरोसा रखना कहीं बेहतर है । क्योंकि तब हमारा विश्वास उसके सिद्ध न्याय पर है। तब हमारा विश्वास उसकी शक्ति में है। तब हमें विश्वास है कि वह इसे सही समय पर सुलझा लेंगे।

यहोवा की शरण लेनी, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए.।