यह याद रखना
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2 कुरिन्थियों 9:6,7 परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा। हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है।
क्या आपको याद है कि कब आपने प्यार से किसी को कुछ दिया हो लेकिन इसने आपको उदासी दी हो, जैसे कि आपने कुछ खो दिया हो? यह आम तौर पर नहीं होता ? क्योंकि उपहार, प्राप्त करने वाले और देने वाले दोनों के लिए हमेशा आनंद लाता है?
मैं हूँ क्रिस्टोफर सिंह और आज के ताज़ा कार्यक्रम मे आपका स्वागत है
जब हमारे नाती का जन्म हुआ, तो मेरी पत्नी और मैंने, उसके लिए एक बैंक खाता खोला और हर महीने एक छोटी राशि जमा करना शुरू कर दिया क्योंकि छोटी चीजों से बड़ी चीजें बढ़ती हैं।
हर महीने जब वह पैसा हमारे खाते से उसके खाते में ट्रांसफर होता है, तो मेरा बैंकिंग ऐप मेरे फोन पर एक नोटिफिकेशन भेजता है। और जब भी ऐसा होता है, तो मेरे दिल मे बहुत खुशी का अनुभव होता है। हमेशा ऐसा ही होता है, जब आप प्यार से कोई उपहार देते हैं।
तो अगर हम कहते हैं कि हम परमेश्वर से प्यार करते हैं, तो क्या यहाँ भी वही बात नहीं होनी चाहिए? बाइबल मे लिखा है
2 कुरिन्थियों 9:6,7 परन्तु बात तो यह है, कि जो थोड़ा बोता है वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा। हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे न कुढ़ कुढ़ के, और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देने वाले से प्रेम रखता है।
परमेश्वर के कार्य के लिए देने में आनंद होना चाहिए, चाहे वह हमारा धन हो, समय हो या परमेश्वर द्वारा दिए उपहारों और क्षमताओं का हो। और इसमें दिल का फैसला शामिल है, जो हमारे उद्धार के आनंद से यीशु के साथ दिन-प्रतिदिन चलने की खुशी हो
आप कह सकते हैं, कि मेरे पास तो देने के लिए बहुत कुछ भी नहीं है। लेकिन अगर आप एक छोटा बीज बोते हैं तो एक दिन, यह एक शक्तिशाली पेड़ बन जाता है ।
लेकिन याद रखें: जो थोड़ा बीज बोता है, उसकी फसल कम होती है। लेकिन जो बहुत बोता है उसकी फसल भी बड़ी होगी।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए.।