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अपना मन परमेश्वर की बातों पर लगाओ

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मत्ती 16:21-23 उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं। 22 इस पर पतरस उसे अलग ले जाकर झिड़कने लगा कि हे प्रभु, परमेश्वर न करे; तुझ पर ऐसा कभी न होगा। 23 उस ने फिरकर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।

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अपना मन परमेश्वर की बातों पर लगाओ


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इस दुनिया में चीजों के स्पष्ट तर्क और परमेश्वर के प्रतीत होने वाले तर्क और -सांसारिक ज्ञान के बीच एक बहुत ही बड़ा तनाव है।

क्या आपको भी यह तनाव महसूस होता है? क्योंकि दुनिया पूरी मानवता को उस चौड़े, आसान रास्ते पर खींच रही है जो विनाश की ओर ले जाता है। लेकिन यीशु कुछ लोगों को बुला रहे हैं, ताकि सकरे रास्ते से जीवन की ओर ले जाने वाले कठिन रास्ते पर चल सकें 

यही कारण है कि जो भी उनका शिष्य होगा, उसके लिए एक तनाव है। मानवीय तर्क हमें बताता है कि जीवन आसान होना चाहिए, हमें सफल होना चाहिए, हम जो चाहते हैं वह हमें मिलना चाहिए। लेकिन परमेश्वर की बुद्धि उस तर्क के सामने पूरी तरह से विफल हो जाती है।

मत्ती 16:21-23 उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं। 22 इस पर पतरस उसे अलग ले जाकर झिड़कने लगा कि हे प्रभु, परमेश्वर न करे; तुझ पर ऐसा कभी न होगा। 23 उस ने फिरकर पतरस से कहा, हे शैतान, मेरे साम्हने से दूर हो: तू मेरे लिये ठोकर का कारण है; क्योंकि तू परमेश्वर की बातें नहीं, पर मनुष्यों की बातों पर मन लगाता है।

यहाँ पतरस उसी मानवीय तर्क को लागू कर रहा है जिसे आप और मैं सहज रूप से उपयोग करते हैं । उसे यीशु में कुछ समझने की ज़रूरत थी, उसकी रक्षा करने के लिए, ! लेकिन इससे पवित्रशास्त्र में सबसे तीखी प्रतिक्रिया हुईं। यदि यीशु ने आपसे यह कहा होता तो आपको कैसा लगता ?

कभी-कभी यह डरावना हो सकता है, लेकिन अपना मन परमेश्वर की बातों पर लगाएं!

यह उसका ताज़ा वचन है। आज आपके लिए


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