अच्छी खबर, बुरी खबर
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प्रेरितों के काम 17:30,31 इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी करके, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है। 31 क्योंकि उस ने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उस ने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है॥
आज एक अच्छी खबर है और एक बुरी खबर है। आइए अच्छी खबर से शुरूआत करें: परमेश्वर आपसे शब्दों से परे बेहद प्यार करते हैं और यीशु ने आपके पापों के लिए अपना बलिदान दिया ताकि आपको पूरी तरह से माफ किया जा सके। बुरी खबर यह है कि यदि, अंततः, आप अच्छी खबर का चुनाव नहीं करते हैं, अच्छी खबर को नहीं जीना चाहते हैं, तो वह आपका न्याय करेगा और आपको उस मसीह रहित अनंत काल में जीवन बिताना होगा जिसे हम नरक कहते हैं।
मैं जानता हूँ कि आज 21वीं सदी में बहुत से लोगों को यह बहुत हास्यास्पद लगता है। वास्तव में? ये मसीही लोग अभी भी कैसी बेकार कि बातें कर रहे हैं? उनका प्यारा ईश्वर संभवतः लोगों को नरक में कैसे भेज सकता है? हो सकता है कि शायद अंदर से, आप यीशु की खुशखबरी पर विश्वास करते हैं, लेकिन आप अपना जीवन इस तरह से जी रहे हैं कि नरक की बात आपको थोड़ा परेशान कर देती है। आप कहीं भी हों, इस बारे में परमेश्वर की राय यह है:
प्रेरितों के काम 17:30,31 इसलिये परमेश्वर आज्ञानता के समयों में अनाकानी करके, अब हर जगह सब मनुष्यों को मन फिराने की आज्ञा देता है।
31 क्योंकि उस ने एक दिन ठहराया है, जिस में वह उस मनुष्य के द्वारा धर्म से जगत का न्याय करेगा, जिसे उस ने ठहराया है और उसे मरे हुओं में से जिलाकर, यह बात सब पर प्रामाणित कर दी है॥
जी हाँ, हमें यीशु में अपना विश्वास रखने के लिए विश्वास कि आवश्यकता है। लेकिन इस खुशखबरी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हमारी प्रतिक्रिया है – जीवन में बदलाव और उसकी ओर मुड़ना। ए डब्लू टोज़र कहते हैं, “यह विचार कि ईश्वर उस विद्रोही को क्षमा कर देगा जिसने अपना विद्रोह नहीं छोड़ा है, पवित्रशास्त्र और सामान्य ज्ञान दोनों के विपरीत है।”
इसलिए बदलो और परमेश्वर की ओर मुड़ो।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए…।