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अस्वीकृति का डर

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यूहन्ना 12:43 तौभी सरदारों में से भी बहुतों ने उस पर विश्वास किया, परन्तु फरीसियों के कारण प्रगट में नहीं मानते थे, ऐसा न हो कि आराधनालय में से निकाले जाएं। 43 क्योंकि मनुष्यों की प्रशंसा उन को परमेश्वर की प्रशंसा से अधिक प्रिय लगती थी॥

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अस्वीकृति का डर


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धारा के विपरीत तैरना, ऐसा रुख अपनाना, जिससे आपके मित्र, परिवार, यहाँ तक कि समाज भी असहमत हो, बहुत मुश्किल काम है। इसलिए ज़्यादातर लोग ऐसा नहीं करते।

हालाँकि आजकल तरह तरह के विचारों में शामिल होना कुछ हद तक एक चलन स हो गया है, लेकिन जो चीज़ें बिल्कुल ग़लत हैं उनके खिलाफ़ आवाज उठाना, विपरीत रुख़ अपनाना वाकई बहुत महंगा सौदा है।

विलियम टिंडेल को 1536 में सिर्फ़ इसलिए आग में जला दिया गया था क्योंकि उन्होंने बाइबल का लैटिन से अंग्रेज़ी में अनुवाद किया था। 1972 में चीनी प्रचारक वॉचमैन नी को लोगों को यीशु के बारे में बताने के लिए शहीद कर दिया गया था। वास्तव में पिछली सदी में जितने मसीही शहीद हुए हैं, उससे कहीं ज़्यादा उससे पहले की 19 सदियों में हुए थे।

धारा के विपरीत जाने की कीमत हमेशा चुकानी पड़ी है और चुकानी पड़ती रहेगी। यीशु के दिनों में भी ऐसा ही था। …

यूहन्ना 12:43 … तौभी सरदारों में से भी बहुतों ने उस पर विश्वास किया, परन्तु फरीसियों के कारण प्रगट में नहीं मानते थे, ऐसा न हो कि आराधनालय में से निकाले जाएं।
43 क्योंकि मनुष्यों की प्रशंसा उन को परमेश्वर की प्रशंसा से अधिक प्रिय लगती थी॥

और यही सच है। यीशु पर विश्वास करने के लिए अपने दिल की बात मानने की बजाय दूसरों की सोच में ज़्यादा दिलचस्पी लेना, बहाव के साथ चलना, गुप्त रूप से विश्वास करना, या बस परमेश्वर से पूरी तरह दूर हो जाना, एक आसान रास्ता है। ।

यह सच है कि, दुनिया भर में ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनके पास गुप्त रूप से विश्वास करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। लेकिन हममें से बाकी लोगों के लिए, अगर हम दूसरों की सोच के कारण यीशु को छोड़ देते हैं, तो यह केवल इसलिए है क्योंकि हम मानवीय महिमा और उससे मिलने वाली अल्पकालिक शांति को, परमेश्वर की ओर से मिलने वाली महिमा से ज़्यादा पसंद करते हैं जो हमेशा के लिए रहेगी।

यही परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज  … आपके लिए … ।


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