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क्या आपका विश्वास बढ़ रहा है?

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2 थिस्सलुनीकियों 1:1-3 हमारे पिता परमेश्‍वर और प्रभु येशु मसीह में थिस्‍सलुनीके नगर की कलीसिया के नाम पौलुस, सिल्‍वानुस और तिमोथी का पत्र। 2हमारे पिता परमेश्‍वर और प्रभु येशु मसीह आप को अनुग्रह और शान्‍ति प्रदान करें! हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही बढ़ता जाता है।

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क्या आपका विश्वास बढ़ रहा है?


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आप यह कैसे जानते हैं कि परमेश्वर में आपका विश्वास बढ़ रहा है या नहीं? क्या यह कम हो रहा है, क्या यह स्थिर है, या यह आगे बढ़ रहा है? वह कौन सा पैमाना है जिससे आप अपने विश्वास को मापते हैं?

प्रेरित पौलुस ने नए नियम की पुस्तकों का लगभग आधा हिस्सा लिखा है। वे पौलुस द्वारा लिखित “पत्रों” के रूप में हमारे सामने आते हैं, पत्र या तो उन कलीसियाओं के लिए जिन्हें उसने शुरू किया था, या जिन के पास वह जाना चाहता था।

इसलिए, वे अपने पत्र हमेशा एक गर्मजोशी, एक व्यक्तिगत अभिवादन के साथ शुरू करते हैं। जैसे कि  आधुनिक ग्रीस के उत्तर में स्थित थिस्सलुनीके के चर्च के लिए लिखा गया उनका दूसरा पत्र।

2 थिस्सलुनीकियों 1:1-3 हमारे पिता परमेश्‍वर और प्रभु येशु मसीह में थिस्‍सलुनीके नगर की कलीसिया के नाम पौलुस, सिल्‍वानुस और तिमोथी का पत्र।

2हमारे पिता परमेश्‍वर और प्रभु येशु मसीह आप को अनुग्रह और शान्‍ति प्रदान करें!

 हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही बढ़ता जाता है। 

इन अभिवादनों को अनदेखा करना आसान है, लेकिन ऐसा करना उचित नहीं होगा, क्योंकि उनमें अक्सर शक्तिशाली सत्य होते हैं; जैसे कि यहाँ पौलूस उनके विश्वास के विकास को एक दूसरे के लिए उनके प्यार के बढ़ने से जोड़ता है।

हमारे लिए अपने आस-पास उन परेशान करने वाले लोगों को प्यार करना अक्सर एक मुश्किल काम हो सकता है। लेकिन जितना अधिक हम उन्हें प्यार करना सीखते हैं, हमारे व्यवहार में, हमारे शब्दों से और हम उनके साथ कैसा व्यवहार करते हैं, उतना ही अधिक हम यीशु में अपने विश्वास की गहराई का प्रदर्शन करते हैं।

प्यार। यही पैमाना है, यही हमारे विश्वास का पैमाना है।

और यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए… ।