तीसरा प्रलोभन
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मत्ती 4:8-11 फिर शैतान उसे एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका विभव दिखाकर 9 उस से कहा, कि यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूंगा। 10 तब यीशु ने उस से कहा; हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर। 11 तब शैतान उसके पास से चला गया, और देखो, स्वर्गदूत आकर उस की सेवा करने लगे॥
इस दुनिया में ऐसा क्या है जिसके लिए आप तरस रहे हैं? अनंत काल के इस पक्ष को अपनी मुट्ठी में रखने के लिए आप क्या सुख, कौन सी संपत्ति, किस विशेष चीज का सपना देखते हैं? और आप इसके लिए क्या भुगतान करने को तैयार हैं?
जैसा कि मैंने कहा, सुख और संपत्ति, मान्यता और सम्मान, पद और शक्ति भी प्राप्त करने की आशा और सपने होना दुनिया में सबसे स्वाभाविक बात है। वे चीजें हमें इतनी सूक्ष्मता से, इतनी मोहक ढंग से अपने चंगुल में फंसा लेती हैं, कि उनका विरोध करना नामुमकिन सा लगता है।
लेकिन जितना अधिक हम इस संसार की चीजों से प्रेम करते हैं, उतना ही हम अपने जीवन के लिए परमेश्वर के उद्देश्य से दूर होते जाते हैं। और स्पष्ट रूप से, या तो एक या दूसरा, दुनिया की चीजें या परमेश्वर की योजनाएँ। आपके पास दोनों नहीं हो सकते।
मत्ती 4:8-11 फिर शैतान उसे एक बहुत ऊंचे पहाड़ पर ले गया और सारे जगत के राज्य और उसका विभव दिखाकर 9 उस से कहा, कि यदि तू गिरकर मुझे प्रणाम करे, तो मैं यह सब कुछ तुझे दे दूंगा। 10 तब यीशु ने उस से कहा; हे शैतान दूर हो जा, क्योंकि लिखा है, कि तू प्रभु अपने परमेश्वर को प्रणाम कर, और केवल उसी की उपासना कर। 11 तब शैतान उसके पास से चला गया, और देखो, स्वर्गदूत आकर उस की सेवा करने लगे॥
शैतान ने यीशु को उसकी कमजोरी मे परखा , जब वह भूख से मर रहा था, कमजोर था, जंगल में चालीस दिन से उपवास कर रहा था। और जब आप परमेश्वर के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहे हैं, लेकिन बदले में आपको जो कुछ मिलता है वह दुख से भरी दुनिया है, तो इस दुनिया कि लुभावनी चीजें अविश्वसनीय रूप से आकर्षक हो जाती हैं। शैतान यह जानता है। सो जब वह उस स्थान पर उस परीक्षा के साथ आपके पास आए, तो यह याद रखना: लिखा है, कि अपने परमेश्वर यहोवा की उपासना करो, और केवल उसी की उपासना करो।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए…।