परमेश्वर की महिमा निकट आ रही है
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यूहन्ना 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
धूप वाले दिन में कुछ ऐसा होता है जो आपका मन खुश कर देता है। क्या आपने कभी सोचा है, ऐसा क्यों है? हम स्वाभाविक रूप से बारिश की तुलना में धूप को और ठंडी हवा की तुलना में गर्म हवा को क्यों पसंद करते हैं ?
कोई भी व्यक्ति घर खरीदने से पहले यह देखता है कि उसमें प्राकृतिक रूप से प्रकाश आता है या नहीं। यदि आप दक्षिणी गोलार्ध में रहते हैं, तो इसका मतलब है कि रहने का क्षेत्र उत्तर की ओर है; यदि आप उत्तरी गोलार्ध में हैं, तो वह दक्षिण की ओर हो।
आपने अक्सर लोगों को यह कहते सुन होगा कि वो सुबह घर के इस हिस्से में बैठना पसंद करते हैं और शाम को उस हिस्से में बैठना पसंद करते हैं क्योंकी वहाँ धूप अच्छी आती है।
हम प्रकाश को क्यों पसंद करते हैं? मुझे नहीं पता, लेकिन हम करते हैं! और इसमें कोई संदेह नहीं है कि जीवन के बादलों से घिरे, अंधेरे, तूफानी दिनों में, जब सब कुछ वैसा नहीं चल रहा होता है जैसा हम चाहते हैं, तो ऐसे में उस प्रकाश का कुछ हिस्सा बड़ी राहत देता है।
इसी तरह बहुत ही वास्तविक अर्थ में, बहुत ही व्यावहारिक अर्थ में, यीशु इसीलिए इस धरती पर आए … आपके लिए।
यूहन्ना 1:14 और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा।
यूहन्ना यीशु को “वचन” कहता है – मूल ग्रीक में लॉगोस। जिसका अर्थ है अपनी महिमा को मानवीय रूप में प्रस्तुत करके परमेश्वर हमसे बात कर रहा है, स्वयं परमेश्वर की महिमा, एक ऐसा अद्भुत प्रकाश जिसे केवल शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता।
यीशु इसलिए आया कि आप और मैं उसकी महिमा देख सकें, पिता के इकलौते पुत्र की महिमा, जो अनुग्रह और सच्चाई से भरपूर है।
यही परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए …