... helping you be all that God made you to be, because He plans on shining His light into this world through you.

Berni - ceo, Christianityworks

बंद मुठ्ठी या खुला हाथ?

We're glad you like it!

Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.

Register or Login

Add to Favourites

व्यवस्थाविवरण 15:7,8 जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसके किसी फाटक के भीतर यदि तेरे भाइयों में से कोई तेरे पास द्ररिद्र हो, तो अपने उस दरिद्र भाई के लिये न तो अपना हृदय कठोर करना, और न अपनी मुट्ठी कड़ी करना;
8 जिस वस्तु की घटी उसको हो, उसका जितना प्रयोजन हो उतना अवश्य अपना हाथ ढीला करके उसको उधार देना।.

Listen to the radio broadcast of

बंद मुठ्ठी या खुला हाथ?


Download audio file

हममें से ज्यादातर लोग खुद को धनी नहीं मानते। अपनी परिस्थितियों के आधार पर, आप खुद को “मध्यम वर्ग” और उसके आसपास कहीं रख सकते हैं। लेकिन फिर आप सड़क पर भीख मांगते उस बूढ़े आदमी के पास से गुजरते हैं।

यह मुझे अविश्वसनीय रूप से अनुचित लगता है कि किसी का जन्म खान हुआ हो, किस परिवार और जिन परिस्थितियों में वे बड़े हुए, उसके कारण वे या तो अमीर या गरीब हो जाते हैं। ऐसा क्यों? परमेश्वर इसके बारे में कुछ क्यों नहीं करता?

वास्तव में, परमेश्वर ने इस बारे में सोचा है। पवित्र शास्त्र का यह पद विशेष रूप से हममें से उन लोगों के लिए है जो खुद को “मध्यम वर्ग” मानते हैं – अर्थात , मैं ठीक ठाक हूं। गरीब नहीं तो अमीर भी नहीं हूं।

व्यवस्थाविवरण 15:7,8 जो देश तेरा परमेश्वर यहोवा तुझे देता है उसके किसी फाटक के भीतर यदि तेरे भाइयों में से कोई तेरे पास द्ररिद्र हो, तो अपने उस दरिद्र भाई के लिये न तो अपना हृदय कठोर करना, और न अपनी मुट्ठी कड़ी करना;
जिस वस्तु की घटी उसको हो, उसका जितना प्रयोजन हो उतना अवश्य अपना हाथ ढीला करके उसको उधार देना।.

कितने आश्चर्य की बात है कि मध्यवर्गीय अस्तित्व के आराम के बीच हमारा दृष्टिकोण कितना विकृत हो जाता है। सच तो यह है, अगर आपके पास पीने के लिए साफ पानी और खाने के लिए पर्याप्त भोजन, सिर पर छत और पहनने के लिए कपड़े हैं, तो आप हद से ज्यादा अमीर हैं, भले ही आप खुद को अमीर ना मानते हों।

तो परमेश्वर ने पहले से ही गरीबों के लिए क्या किया है? उन्होंने आपको और मुझे उनकी मदद करने के लिए उदार हृदय के साथ तैयार होने के लिए बुलाया है।

लोग कई कारणों से गरीब होते हैं। हमारा काम न्याय करना नहीं है। परमेश्वर हमें इस के प्रति उदासीन और स्वार्थी होने के लिए नहीं बुलाया है। इसके विपरीत: अपने उस दरिद्र भाई के लिये न तो अपना हृदय कठोर करना, और न अपनी मुट्ठी कड़ी करना;

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए… ।


We use cookies to improve your browsing experience, analyse site traffic & personalise content, but we do not track you when you leave this site. To find out how we utilise & protect your data, check out our "Privacy Policy".

Privacy Policy