भीतर से एक सफाई
We're glad you like it!
Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.
भजन संहिता 51:10 हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
यदि हम एक पल के लिए रुक कर इसके बारे में सोचें, तो हम पाएंगे कि हमारे कार्य सीधे हमारे दिल से जुड़े होते हैं। समस्या यह है कि अक्सर हम रुककर इसके बारे में सोचते नहीं हैं।
तो, आखिरी बार आप कब चिड़चिड़ा उठे थे। क्यों? इसकी वजह क्या थी? इसमें कोई संदेह नहीं है कि कोई बेवकूफी भरी छोटी सी बात थी जिसका वास्तव में कोई महत्व भी नहीं था, लेकिन फिर भी आपने उस पल में, आपके अंदर जो भी चल रहा था, उसके आधार पर उस पर प्रतिक्रिया की।
या शायद आपकी प्रतिक्रिया उस घिसे-पिटे रास्ते पर एक और कदम मात्र थी जिस पर आप वर्षों से यात्रा कर रहे थे – उत्तेजना, प्रतिक्रिया; उत्तेजना प्रतिक्रिया. और जितना आगे हम उस रास्ते पर चलते हैं, उतना ही अधिक हम अपने आप को उस विनाशकारी व्यवहार में गिरते हुए पाते हैं जिससे हम मुक्त नहीं हो पाते।
इस्राएल के राजा दाऊद के साथ भी ऐसा ही मामला था जब उसने एक ही झटके में व्यभिचार और हत्या दोनों कर दी थी। और यह महसूस करते हुए कि यह भयानक काम जो उसने किया वह उसके दिल से निकली इच्छा से आया था, यह जानते हुए कि वह खुद को रोकने में असमर्थ था, उसने यह प्रार्थना की:
भजन संहिता 51:10 हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
हमारे लिए अपने दिल को गहराई से बदलना वास्तव में कठिन है और, असंभव भी। लेकिन दाऊद बुद्धिमान था इसलिए उसने परमेश्वर से ऐसा करने के लिए कहा; कि वह उसके हृदय की गहरी सफाई करे; अपनी पवित्र आत्मा को उसके भीतर डाले ताकि ईश्वर द्वारा उसके हृदय में परिवर्तन के साथ, उसके व्यवहार में सही परिवर्तन आ सकें।
जब आपका दिल अभी भी गलत जगह पर हो तो अपने कार्यों को बदलने की कोशिश करने के बजाय, माँगना कितनी बुद्धिमता की बात है।
हे परमेश्वर, मेरे अन्दर शुद्ध मन उत्पन्न कर, और मेरे भीतर स्थिर आत्मा नये सिरे से उत्पन्न कर।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…