... helping you be all that God made you to be, because He plans on shining His light into this world through you.

Berni - ceo, Christianityworks

शांति का नुस्खा (3)

We're glad you like it!

Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.

Register or Login

Add to Favourites

कुलुस्सियों 3:15 और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।

Listen to the radio broadcast of

शांति का नुस्खा (3)


Download audio file

दिन-प्रतिदिन, मैं आपसे पूछता हूं, आपकी सोच को क्या प्रेरित करता है? आप जो करते हैं उसे करने का कारण क्या है; आप कौन हैं? अधिकांश लोग, यदि वे ईमानदार हैं, तो कहेंगे … उनकी परिस्थितियाँ, उनके आस-पास के लोग, वह  स्थान जहाँ वे स्वयं को पाते हैं। जिन चीज़ों पर हम प्रतिक्रिया कर रहे होते हैं, उनके कारण हम अक्सर वही बन जाते हैं जो हम हैं।

ज़रा सोचिए। यदि आप एक अच्छे, भले ही सामान्य माता-पिता के साथ एक प्यार करने वाले घर में पले-बढ़े हैं… तो आप उस व्यक्ति से बिल्कुल अलग होंगे जो एक अनाथालय  या फिर रिश्तेदारों के टुकड़ों पर पला हो, जहां कभी किसी ने वास्तव में उससे प्यार ना किया हो।

और बड़े होने पर, हमारी परिस्थितियाँ अक्सर हमारी सोच को प्रेरित करती हैं। एक सुरक्षित नौकरी बनाम बेरोजगारी; एक खुशहाल शादी बनाम तलाक; अच्छे रिश्ते बनाम संघर्ष। इन सबका हमारे जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है।

लेकिन क्या स्थितियों, परिस्थितियों, वहां मौजूद लोगों को हमारे जीवन में मुख्य चालक बनने की अनुमति देना वास्तव में सही बात है, या क्या कोई बेहतर तरीका है?

कुलुस्सियों 3:15 और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।

देखा जाए तो, जीवन एक रोलरकोस्टर है। यहां चढ़ाव हैं, तो फिर उतार भी हैं। आंधी और तूफ़ान भी हैं और शांत दिन भी। लेकिन क्या आप सचमुच उस रोलरकोस्टर पर रहना चाहते हैं? नहीं!

मसीह जो शांति देता है उसे अपनी सोच पर नियंत्रण करने दें।

और जब आप अपने जीवन में इन सभी चीजों से निपटते हैं, तो आभारी रहें, हमेशा आभारी रहें। और मसीह की शान्ति जिस के लिये तुम एक देह होकर बुलाए भी गए हो, तुम्हारे हृदय में राज्य करे, और तुम धन्यवादी बने रहो।

आप यीशु के जितना करीब आएँगे, आपके जीवन में उतनी ही अधिक शांति होगी।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके  लिए…।