अधिक और अधिक आशा।
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रोमियों 15:13 आशा का स्रोत, परमेश्वर आप लोगों को विश्वास द्वारा प्रचुर आनन्द और शान्ति प्रदान करे, जिससे पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से आप लोगों की आशा परिपूर्ण हो।
ये समय जिसमें हम रहते हैं, अशांत समय हैं – वैश्विक स्तर पर, सामाजिक स्तर पर और वास्तव में व्यक्तिगत स्तर पर भी। और कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप इसे कैसे देखते हैं, अशांत समय में, “आशा” एक ऐसी वस्तु है जो बहुत कम मात्रा में मिलती है।
जब प्रेरित पौलुस रोम की कलीसिया को लिख रहा था, उस समय यहूदी और अन्यजाति के मसीही लोगों के बीच बहुत तनाव था। इसके अलावा सीज़र के शासन की क्रूरता। ये वास्तव में बहुत अशांत समय था।
रोमियों 15:13 आशा का स्रोत, परमेश्वर आप लोगों को विश्वास द्वारा प्रचुर आनन्द और शान्ति प्रदान करे, जिससे पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से आप लोगों की आशा परिपूर्ण हो।
उसकी प्रार्थना थी कि परमेश्वर की आशा उन्हें भरपूर आनंद और शांति से भर दे। और केवल इतना ही नहीं, बल्कि अधिक से अधिक आशा, इतनी आशा जो उनके नियंत्रण से बाहर हो। इतनी आशा कि जो पवित्र आत्मा की शक्ति से उनके जीवन से बह निकले।
जिस आशा के बारे में पौलुस यहाँ बात कर रहा है, वह उस प्रकार की आशा है जो सीधे परमेश्वर कि पवित्र आत्मा के द्वारा एक हर्षित और आत्मविश्वासी अपेक्षा के रूप में आती है, न कि उस आधारहीन और अनिश्चित “मुझे आशा है कि चीजें जल्द ही बेहतर होंगी” तरह की आशा, जिसका हम कभी-कभी सकारात्मक सोच के रूप में आभास करने की कोशिश करते हैं।
क्या आप भी इस अशांत समय में भी ऐसी ही आशा चाहते हैं? क्यों ना आप आज ही परमेश्वर के पास जाएं और उनसे उस तरह की आशा मांगे। उससे, उसके वचन के अनुसार और पवित्र आत्मा की शक्ति से, आपको इतनी आशा देने के लिए कहें, आपको इतने आनंद और शांति से भर देंने के लिए कहें , जिसे आप आसानी से नियंत्रित ना कर पाएं। उससे मांगे।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।