आपका काम और मेरा
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यूहन्ना 3:17 परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।
मैं आपके बारे में तो नहीं जानता, लेकिन कभी-कभी मैं इस दुनिया में जो कुछ भी हो रहा है, उसे देखता हूं – जिस तरह से लोग व्यवहार कर रहे हैं, चीजें किस दिशा में जा रही हैं – और मुझे लगता है कि यह दुनिया नरक में जा रही है।
और उन “पापियों” के प्रति इतना मोहभंग, इतना आलोचनात्मक, इतना न्यायपूर्ण होना बहुत ही आसान है। हम अपने धार्मिक घोड़े पर बैठकर इस समूह के बारे में शिकायत करना चाहते हैं, उस समूह को धिक्कारते हैं और परमेश्वर से उन्हें नरक मे बंद करने के लिए कहते हैं।
हाँ, मुझे पता है, शायद यह थोड़ा सख्त है। लेकिन क्या कभी-कभी ऐसा नहीं लगता ? और इसलिए, कई मसीही और कई लोग जो खुद को यीशु मसीह का शिष्य मानते हैं, एक बदबूदार, निर्णयात्मक रवैये के साथ जीते हैं या तो वे सभी के साथ बहस करते हैं, या उनसे दूर रहने के लिए अपने पवित्र झुंड में रहते हैं। “उन पापियों से अलग ” – मानो किसी तरह वह उन से बेहतर हैं।
लेकिन क्या वाकई यही हमारा काम है? क्या वास्तव में मसीह ने हमें इसी लिए बुलाया है? बाइबल मे लिखा है
यूहन्ना 3:17 क्योंकि परमेश्वर ने अपने पुत्र को जगत में इसलिये नहीं भेजा, कि जगत पर दंड की आज्ञा दे, परन्तु इसलिये कि जगत उसके द्वारा उद्धार पाए।
*इसलिए बस रुकें और इसके बारे में एक मिनट के लिए सोचें। अगर यीशु दुनिया की निंदा करने नहीं आए, तो शायद यह हमारा काम भी नहीं है। और अगर यीशु दुनिया को बचाने के लिए आए … तो शायद यही वह व्यवसाय है जिसमें हमें भी होना चाहिए।
बेशक, हर चीज और हर किसी के बारे में बड़बड़ाना आसान है! लेकिन मुझे पूरा यकीन है कि परमेश्वर ने इसलिए आपके और मेरे दिल मे धड़कने नहीं दी हैं। हमारा काम दुनिया की निंदा करना नहीं है। हमारा काम इसे बचाने के बारे में है।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। ताजाआज …आपके लिए…आज।