आपकी उंगलियों के निशान ।
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Psalm 139:13-18 तूने ही मेरे भीतरी अंगों को बनाया है, मेरी मां के गर्भ से तूने मेरी रचना की है।14मैं तेरी सराहना करता हूं, क्योंकि तू भय-योग्य और अद्भुत है तेरे कार्य कितने आश्चर्यपूर्ण हैं! तू मुझे भली भांति जानता है। 15जब मैं गुप्त स्थान में बनाया गया, पृथ्वी के निचले स्थान में बुना गया, तब मेरा कंकाल तुझसे छिपा न रहा। 16तेरी आंखों ने मेरे भ्रूण को देखा; तेरी पुस्तक में सब कुछ लिखा था, दिन भी रचे गये थे, जब वे दिन अस्तित्व में नहीं थे। 17हे परमेश्वर, तेरे विचार मेरे प्रति कितने मूल्यवान हैं। उनका योग कितना बड़ा है! 18यदि मैं उनको गिनूं, तो मुझे ज्ञात होगा कि वे धूलकण से भी अधिक हैं; जब मैं जागता हूं, तब भी मैं तेरे साथ हूं।
यह दुख की बात है जब हम दूसरों के साथ अपनी तुलना करते हैं और अपने स्वयं के अनुमान में अपने आप को दूसरों से कम पाते हैं। मैंउतनाबुद्धिमाननहींहूँ, मैंदेखनेमेंसुन्दरनहींहूँ, मैंदूसरोंकेमुकाबलेउतनासफलनहींहूँ, वगैरहा वगैरहा।यह कितने दुख की बात है।
केवल इतना ही नहीं कि ये तुलनाएँ ना केवल हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करती हैं, बल्कि इससे भी अधिक, ये हमारे उत्साह, हमारी क्षमता को लूटती हैं; वे परमेश्वर द्वारा दी गई काबलियत का प्रयोग करने की हमारी स्वाभाविक इच्छा पर अंकुश लगाती हैं, और हमें तृप्ति की उस भावना से वंचित रखती हैं जो परमेश्वर हमारे लिए चाहते हैं। ऐसा हमेशा होता है।
इसलिए, यदि आप कभी भी अपने आप को ऐसी परिस्थिति में पाते हैं, तो मेरा मानना है कि परमेश्वर आज आपसे इन पदों के माध्यम से बात करना चाहता है जिसमें इस प्रकार से प्रार्थना की गई है:
Psalm 139:13-18 तूने ही मेरे भीतरी अंगों को बनाया है, मेरी मां के गर्भ से तूने मेरी रचना की है।14मैं तेरी सराहना करता हूं, क्योंकि तू भय-योग्य और अद्भुत है तेरे कार्य कितने आश्चर्यपूर्ण हैं! तू मुझे भली भांति जानता है। 15जब मैं गुप्त स्थान में बनाया गया, पृथ्वी के निचले स्थान में बुना गया, तब मेरा कंकाल तुझसे छिपा न रहा। 16तेरी आंखों ने मेरे भ्रूण को देखा; तेरी पुस्तक में सब कुछ लिखा था, दिन भी रचे गये थे, जब वे दिन अस्तित्व में नहीं थे। 17हे परमेश्वर, तेरे विचार मेरे प्रति कितने मूल्यवान हैं। उनका योग कितना बड़ा है! 18यदि मैं उनको गिनूं, तो मुझे ज्ञात होगा कि वे धूलकण से भी अधिक हैं; जब मैं जागता हूं, तब भी मैं तेरे साथ हूं।
मित्रों, एक उत्तम दस्तकार की तरह परमेश्वर ने आपकी रचना की है। आप उस की अदबुद कर्ति हैं। उसने आपकी उंगलियों में ऐसी लकीरें डाली हैं जो किसी के पास नहीं हैं। ताकि आप संसार पर ऐसी छाप छोड़ सकें जो केवल आपकी होगी।
इसलिए दूसरों के साथ अपनी तुलना करना बंद करें।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए… ।