आपको जितनी शक्ति की आवश्यकता होगी, उससे अधिक शक्ति
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इफिसियों 6:10,11 निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्त बनो। परमेश्वर के सारे हथियार बान्ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको।
आपको जितनी शक्ति की आवश्यकता होगी, उससे अधिक शक्ति
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जैसा कि हम दिन पर दिन उस बुराई का सामना कर रहे हैं, जो दुनिया पर हावी हो रही है, तो यह महसूस करना बहुत आसान है, वास्तव में इस पर विश्वास करना कि हम इसके बारे में कुछ भी नहीं कर सकते हैं ।
एक मायने में यह सच है। जैसा कि हम देखते हैं कि जिस आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था में हम रहते हैं, उसमें बुराई घुसपैठ कर रही है – उच्च स्थानों पर भ्रष्टाचार, और युद्धों को बढ़ावा देने के लिए झूठ का इस्तेमाल किया जा रहा है, बुराई की सूची बहुत लंबी है – और हम में से अधिकांश वास्तव में अपने आप से कोई भी अंतर लाने के लिए शक्तिहीन हैं
लेकिन आइए एक पल के लिए इस पर ध्यान केंद्रित करें, क्योंकि यह कल्पना करना बहुत आसान है कि बुराई हमेशा कहीं न कहीं हो रही है।
सो अगर शैतान हमारी दुनिया की व्यवस्थाओं को भ्रष्ट करने में इतना अच्छा है, तो क्या आपको नहीं लगता कि वह हमारे दिलों को भ्रष्ट करने में भी उतना ही माहिर है ? वास्तव में व्यक्तिगत स्तर पर भी ऐसा लगता है कि हम बिल्कुल शक्तिहीन हैं जैसे कि पाप ने हमारी आत्मा को फाड़ दिया है। तो जवाब क्या है?
इफिसियों 6:10,11 निदान, प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्त बनो।परमेश्वर के सारे हथियार बान्ध लो; कि तुम शैतान की युक्तियों के साम्हने खड़े रह सको।
इसका उत्तर यह है कि हमें अपने आप में मजबूत होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि हमें प्रभु में और उसकी शक्ति के बल मे मजबूत होने का अधिकार है। मेरा मतलब है, यह कुछ असंभव सा लगता है । लेकिन पोलुस यहाँ शक्तिशाली बात बता रहा है कि जब हम शैतान की योजनाओं के खिलाफ खड़े होने का चुनाव करते हैं, तो पूरे ब्रह्मांड को बनाने वाले परमेश्वर की पूरी शक्ति हमारे साथ होती है।
क्या आप समझ रहे है? क्योंकि यह आपके लिए है।
प्रभु में और उस की शक्ति के प्रभाव में बलवन्त बनो।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए..।