औसत दर्जे का बहाना बनाना
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मत्ती 5:38-42 तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था, कि आंख के बदले आंख, और दांत के बदले दांत। परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि बुरे का सामना न करना; परन्तु जो कोई तेरे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे, उस की ओर दूसरा भी फेर दे। और यदि कोई तुझ पर नालिश करके तेरा कुरता लेना चाहे, तो उसे दोहर भी ले लेने दे। और जो कोई तुझे कोस भर बेगार में ले जाए तो उसके साथ दो कोस चला जा। जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तुझ से उधार लेना चाहे, उस से मुंह न मोड़॥
जब आप अपने जीवन में किसी बुरे व्यक्ति से सामना करते हैं – कोई “मूर्ख” जिसको कुछ समझ मे नहीं आता – तो आप कैसी प्रतिक्रिया देते हैं? क्या आप अपने विश्वास में ऊपर उठते हैं या वे आपको नीचे गिरने का कारण बनते हैं?
हमें इसका एहसास हो या नहीं, हम सभी आराम का जीवन चाहते हैं । हमें एक आर्थिक प्रणाली द्वारा प्रभावित किया जाता है, हमें व्यापारियों और विज्ञापनदाताओं द्वारा कड़ी मेहनत करने और पैसा कमाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, ताकि जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर कवायद और कल्पना पूरी करने के लिए स्वयं पर खर्च करें
और इस प्रभाव के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों मे हमारी प्रातक्रिया बुरी होती है। आखिरकार, हम अच्छा महसूस करने के “हकदार” हैं। हम सर्वश्रेष्ठ होने के “लायक” हैं। लेकिन जीवन ऐसा नहीं है। हमे क्रोधी, बुरे और अन्यायी लोग मिलते हैं और हम अपनी हक की भावना के कारण, उनके बुरे व्यवहार का इस्तेमाल औसत दर्जे के बहाने के रूप में करते हैं।
आखिर कैसे उसने मेरे साथ ऐसा व्यवहार करने की हिम्मत की ?!
जैसा कि मैंने कहा, हमारे अधिकार की भावना औसत दर्जे का हमारा बहाना है। लेकिन क्या होगा अगर हम उन बुरे लोगों को अपने जीवन में उच्च स्तर पर आने के अवसर के रूप में लें? बाइबल मे लिखा है
मत्ती 5:38-42 तुम सुन चुके हो, कि कहा गया था, कि आंख के बदले आंख, और दांत के बदले दांत। परन्तु मैं तुम से यह कहता हूं, कि बुरे का सामना न करना; परन्तु जो कोई तेरे दाहिने गाल पर थप्पड़ मारे, उस की ओर दूसरा भी फेर दे। और यदि कोई तुझ पर नालिश करके तेरा कुरता लेना चाहे, तो उसे दोहर भी ले लेने दे। और जो कोई तुझे कोस भर बेगार में ले जाए तो उसके साथ दो कोस चला जा। जो कोई तुझ से मांगे, उसे दे; और जो तुझ से उधार लेना चाहे, उस से मुंह न मोड़॥
तो आपका क्या फैसला है -औसत दर्जे का इंसान बनना , या फिर बदले मे दोहरा लौटा देना ?
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए।