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काश …

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यशायाह 48:17,18 यहोवा जो तेरा छुड़ाने वाला और इस्राएल का पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूं, और जिस मार्ग से तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूं। 18 भला होता कि तू ने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान और तेरा धर्म समुद्र की लहरों के नाईं होता;.

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काश …


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हममें से प्रत्येक को, हर दिन कई बार, यह निर्णय लेना होता है कि हमे क्या अच्छा करना है, या जो हम जानते हैं कि सही है उस पर समझौता करना है; इस तरह परमेश्वर का आदर करना, या उससे मुंह मोड़ लेना है ।

जब आप ऐसा सोचते हैं तो यह एक गंभीर बात है, क्योंकि अक्सर, हम चीजों के बारे में ज्यादा नहीं सोचते हैं। हम वैसे ही प्रतिक्रिया करते हैं जैसे हम हमेशा करते आये हैं। कोई आपको परेशान करता है और आप या तो उन पर छींटाकशी करने या चुपचाप उनसे घृणा करने का घिसा-पिटा रास्ता अपना लेते हैं (चाहे आपकी कड़वाहट कुछ भी हो)। लेकिन चाहे हम उस पल में परमेश्वर  का सम्मान करना चुनें या अपमान करना, किसी भी तरह से, इसका परिणाम हमे भुगतना होगा

संपूर्ण पुराना नियम इज़राइल के संघर्ष की कहानी है – ईश्वर का सम्मान और बार-बार बुरी तरह असफल होने की कथा। मूर्तियों की पूजा करके और न्याय तथा दया को त्यागकर अपनी ओर से मुंह मोड़ने की बहुत लंबी अवधि के बाद, परमेश्वर ने उन्हें बेबीलोनियों द्वारा आक्रमण करने और सत्तर वर्षों के लिए गुलामी में निर्वासित करने की अनुमति दी। परंतु वह कभी भी उनके लिए यह नहीं चाहता था।

यशायाह 48:17,18 यहोवा जो तेरा छुड़ाने वाला और इस्राएल का पवित्र है, वह यों कहता है, मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूं जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूं, और जिस मार्ग से तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूं। 18 भला होता कि तू ने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान और तेरा धर्म समुद्र की लहरों के नाईं होता;.

यदि उन्होंने उसका आदर किया होता और उसकी आज्ञा का पालन किया होता, तो परमेश्वर की आशीषें उन पर टकराती समुद्र की अंतहीन लहरों की तरह आती रहतीं। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसलिए उन्हें अपने पाप का परिणाम भुगतना पड़ा।

जो चुनाव हम करते हैं उन सभी के परिणाम होते हैं।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए.।


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