कुछ चीजें जिनके बारे में आप निश्चित हो सकते हैं, लेकिन
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सभोपदेशक 11:3,4 यदि बादल जल भरे हैं, तब उसको भूमि पर उण्डेल देते हैं; और वृक्ष चाहे दक्खिन की ओर गिरे या उत्तर की ओर, तौभी जिस स्थान पर वृक्ष गिरेगा, वहीं पड़ा रहेगा। 4 जो वायु को ताकता रहेगा वह बीज बोने न पाएगा; और जो बादलों को देखता रहेगा वह लवने न पाएगा।
कुछ चीजें जिनके बारे में आप निश्चित हो सकते हैं, लेकिन
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हमारे लिए सबसे कठिन कामों में से एक है अनिश्चितता से घिरे होते हुए विश्वास से बाहर कदम उठाना । एक अच्छे काम में अपना समय, ऊर्जा और संसाधनों का निवेश करना, जबकि परिणाम का निश्चय न हो।
ऐसी कहावत है, कि इस जीवन में केवल दो चीजें हैं जिनके बारे में हम निश्चित हो सकते हैं, वह है मृत्यु और कर यानि टैक्स । बाकी सब कुछ हथियाना पड़ता है। और जैसा कि हमने कल देखा, यहां तक कि हमारे जीवन में अच्छी चीजें जो रॉक-सॉलिड दिखती और महसूस होती हैं, शादी, घर, सब एक दिन खत्म हो जाएगा।
तो, उस सारी अनिश्चितता के बीच, शायद आपको लगता है कि परमेश्वर आपको बलिदान करने के लिए, इस या उस अच्छे काम में निवेश करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। लेकिन, आप जानते हैं, समय समाप्त होता जा रहा है। परिस्थितियां आदर्श से कोसों दूर लगती हैं। तो हम अपने आप से सोचना शुरू करते हैं कि , “शायद मैं और प्रतीक्षा करूँ”।
सभोपदेशक 11:3,4 कुछ ऐसी बातें हैं जिनके बारे में आप सुनिश्चित हो सकते हैं। यदि बादल वर्षा से भरे हुए हैं, तो वे पृथ्वी पर जल बरसाएंगे। यदि कोई पेड़ गिरता है – दक्षिण या उत्तर में – तो वह वहीं रहेगा जहाँ वह गिरता है। लेकिन कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिन पर आप यकीन नहीं कर सकते। आपको एक मौका लेना चाहिए। यदि आप सही मौसम की प्रतीक्षा करते हैं, तो आप कभी भी अपने बीज नहीं लगाएंगे। यदि आप डरते हैं कि हर बादल बारिश लाएगा, तो आप अपनी फसल कभी नहीं काटेंगे।
दूसरे शब्दों में, जब परमेश्वर हमें विश्वास से बाहर निकलने के लिए बुलाता है, तो परिस्थितियाँ कभी भी आदर्श नहीं लगती हैं। कम से कम हमारे संकीर्ण सांसारिक दृष्टिकोण से, हमेशा अनिश्चितता का एक तत्व होता है। लेकिन अगर हम परिस्थितियों के आदर्श होने तक प्रतीक्षा करते हैं, तो हम कभी बाहर कदम नहीं निकालेंगे
परमेश्वर पर भरोसा रखो। अपनी परिस्थितियों के बावजूद बाहर निकलें।
यह उसका ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए…।