घबड़ाएं नहीं
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भजन संहिता 46:1-3 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक। 2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं; 3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें॥.
समय-समय पर, एक खेल का उदाहरण यदि ले तो जीवन आप के ऊपर एक घुमावदार गेंद फेंकता है जिसका उद्देश्य आपको हिला देने का होता है। और जब यह होता है, तो यह आप में से हवा बाहर निकल जाती है। और आप जमीन पर गिरकर , सांस लेने में असमर्थ होते हैं, और घबराहट शुरू हो जाती है।
मेरे बचपन मे मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ जब मैं खेल खेला करता था और मैं आपको बता सकता हूं, यह सुखद नहीं है। मुझे आज भी सांस न ले पाने की भयानक दहशत याद है।
और मुझे लगता है कि जो चीज इसे इतना बदतर बनाती है, वह है शॉक या धक्का । आश्चर्य की भावना जिसकि उम्मीद भी नहीं थी।
देखिए, जिंदगी में कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो हमें घबरा देती हैं। वह पहले अतीत में भी हुई हैं , और वे निस्संदेह भविष्य में फिर से घटित होंगी । और इस दहशत के बीच हमारा विश्वास हवा में उड़ता हुआ प्रतीत होता है, क्या आपने ध्यान दिया है? ठीक है जब आपको इसकी आवश्यकता होती है, बस यह उसी समय चला जाता है।
मार्टिन लॉयड जोन्स ने कुछ ऐसा कहा था: विश्वास घबराहट से इंकार करता है। और, जैसे जैसे चीजें सामने आती हैं, बाइबल की यह बात अविश्वसनीय रूप से समझाती है:
भजनसंहिता46:1-3 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;
3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें॥.
भूकंप की तुलना में शायद ही कोई डरावना द्रश्य हो सकता है – जमीन हिलती है, पहाड़ समुद्र में गिरते हैं, पानी का गर्जना और झाग । उफ़ कितना भयानक लेकिन भजनकार दृढ़ता से, हठपूर्वक भी, घबराने से इनकार करता है। क्यों? क्योंकि… परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक। ।
अड़ियल बनो। घबड़ाएं नहीं। उस पर विश्वास करो।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए..