धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करना
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विलापगीत 3:25,26 जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है। यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है।
ईमानदारी से बताऊँ तो प्रतीक्षा करना मेरे लिए काफी मुश्किल है। मैं इस तरह का आदमी हूं जो कहता है “देरी क्यों – चलो इसे अभी पूरा करता हूं” और फिर भी क्या आप जानते हैं कि प्रतीक्षा करने में सक्षम होना, प्रतीक्षा करना सीखना, परमेश्वर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
आप जानते हैं ना? आपको जो कुछ चाहिए, आप इसे अभी तुरंत चाहते हैं! लेकिन हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां हमारे पास अभी तुरंत सब कुछ नहीं हो सकता। हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां अच्छी चीजों में देरी होती है, स्थगित होती है, रद्द हो जाती है। बस जीवन ऐसा ही है।
और इसलिए हम अधीर हो जाते है। अधीरता बड़बड़ाहट की ओर ले जाती है। बड़बड़ाना हमारे बुरे रवैये को दिखाता है। हमारा बुरा रवैया हमारे फैसलों को धुंदला कर देता है। और हम जल्दबाजी में निर्णय लेते हैं। हम बेवकूफी भरी बातें करते हैं। और अपने रिश्तों को नुकसान पहुंचाते हैं।
क्या इनमें से कोई भी बात परिचित लगती है? जरूर क्योंकि मुझे लगता है की हम सब इस मार्ग से गुजर चुके हैं। तो … विकल्प क्या है?
विकल्प यह जानना है कि धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करना परमेश्वर की दृष्टि में महान है।
विलापगीत 3:25,26 जो यहोवा की बाट जोहते और उसके पास जाते हैं, उनके लिये यहोवा भला है। यहोवा से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप रहना भला है।
तो परमेश्वर के लिए, सिर्फ इतना नहीं कि हम प्रतीक्षा करते हैं। मेरा मतलब है कि यदि आप जिस बस को पकड़ना चाहते हैं वह देर से चल रही है, तो आपके पास कोई विकल्प नहीं है। आपको इंतज़ार करना ही होगा।
बात दरअसल यह है कि हम कैसे प्रतीक्षा करते हैं। क्या आप बुरे मनोभाव के साथ प्रतीक्षा करते हैं, या आप परमेश्वर की प्रतीक्षा करते हैं? क्या आप उसके प्रकट होने की आशा कर रहे हैं या आप सांसारिक चीजों पर अपना भरोसा रख रहे हैं? क्या आप चुपचाप प्रभु के बचाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं… या आप बुरा व्यवहार कर रहे हैं? सो जब आपको इंतजार करना पड़े, तो आप कैसे इंतजार करते हैं?
प्रभु से उद्धार पाने की आशा रख कर चुपचाप प्रतीक्षा करना अच्छा है। यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए.।