... helping you be all that God made you to be, because He plans on shining His light into this world through you.

Berni - ceo, Christianityworks

परमेश्वर की संतान कौन लोग है?

We're glad you like it!

Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.

Register or Login

Add to Favourites

यूहन्ना 1:11,12 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। 12परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्‍वर की सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्‍वास रखते हैं।

Listen to the radio broadcast of

परमेश्वर की संतान कौन लोग है?


Download audio file

एक दिन मैं बाइबल अध्ययन में कुछ ऐसे लोगों के साथ बैठा था जिन्हें मैं अच्छी तरह से नहीं जानता था। फिर एक महिला ने घोषणा की, “हम सभी परमेश्वर के बच्चे हैं। उसने सब को बनाया है।” क्या यह सही है, या नहीं? आखिर परमेश्वर की संतान कौन हैं?

यह बिल्कुल सच है कि हर जीवित व्यक्ति परमेश्वर की छवि में बनाया गया था। हमें यह बात बाइबल के पहले अध्याय में बताई गई है (उत्पत्ति 1:27 यदि आप जानना चाहें )। लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि हम सभी लगभग आठ अरब या इसके आसपास लोग (साथ ही वे सभी जो पहले संसार से जा चुके हैं) परमेश्वर की संतान हैं?

निश्चित रूप से दुनिया चाहती है की हम यही सोचें। आखिरकार, परमेश्वर प्यार करने वाला परमेश्वर है, यीशु ने सभी लोगों को प्यार किया और स्वीकार किया। बेशक हम सब परमेश्वर की संतान हैं! इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप उस तक कैसे पहुंचते हैं – और कई अलग-अलग तरीके हैं, कई अलग-अलग धर्म, कई अलग-अलग समझ हैं – वह आपको वैसे ही स्वीकार करेगा जैसे आप हैं, चाहे आप कैसे भी विश्वास करें। यह एक प्यार करने वाले परमेश्वर के बारे में दुनिया का दृष्टिकोण है। लेकिन उसका दृष्टिकोण क्या है?

यूहन्ना 1:11,12 वह अपने घर आया और उसके अपनों ने उसे ग्रहण नहीं किया। 12परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्‍वर की सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात् उन्हें जो उसके नाम पर विश्‍वास रखते हैं।

यह यीशु को अस्वीकार करने वालों और उन पर विश्वास करने वालों के बीच एक बड़ा फर्क है, है ना ? मैं कल्पना करता हूं कि पहली शताब्दी में जब येशु इस संसार में थे। धार्मिक और कट्टरपंथी, धर्म के ठेकेदारों  को परेशान करने, विध्वंसक यीशु पर विश्वास करना इतना आसान नहीं था।

जहाँ तक मैं देख सकता हूँ, अभी भी ऐसा ही है। वह हमें इस दुनिया में प्रवाह के खिलाफ जाने के लिए कहते हैं। परन्तु जो उस पर विश्वास करते हैं, उन्हें वह परमेश्वर की सन्तान होने का अधिकार देता है।

तो हम में से प्रत्येक के लिए यह प्रश्न है: क्या मैं परमेश्वर की संतान हूँ?

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।


We use cookies to improve your browsing experience, analyse site traffic & personalise content, but we do not track you when you leave this site. To find out how we utilise & protect your data, check out our "Privacy Policy".

Privacy Policy