पाप मारता है
We're glad you like it!
Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.
रोमियों 6:15,16 तो क्या हुआ क्या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं। क्या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्त धामिर्कता है
जैसे जैसे हमारी उम्र बड़ती है हम मृत्यु के बारे में अधिक से अधिक सोचते हैं। मैं आपको बता सकता हूं, कि भूरे बालों के साथ, इन दिनों, बीस साल पहले की तुलना में, इस जीवन के अंत का दृश्य मेरी दृष्टि में बहुत तेज है।
अब आपके लिए एक खुशखबरी है, ? मुझे लगता है कि आपको आभारी महसूस करना चाहिए कि मैं आज इसे आपको बता रहा हूं। निश्चित रूप से जो कोई भी यीशु में विश्वास करता है, उसके लिए मृत्यु हार चुकी है। मसीह में, यह अनन्त जीवन का मार्ग है।
तो फिर ऐसा क्यों है कि परमेश्वर के इतने सारे लोग, जो अपने को “मसीही” कहते हैं वो मरे हुओं की तरह प्रतीत होते हैं? एक ओर यीशु में विश्वास करना, परन्तु दूसरी ओर आँखों में उस चमक का अभाव, जीवन शक्ति और उद्देश्य की उस भावना का अभाव, मानो मसीह की उपस्थिति में उनकी शाश्वत वास्तविकता उनके लिए कोई मायने नहीं रखती।
इसका उत्तर है कि उनका पाप. उन्हें मार रहा है।
रोमियों 6:15,16 तो क्या हुआ क्या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं।क्या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्त धामिर्कता है
इसका आपका पसंदीदा संस्करण चाहे जो भी हो, आप चाहे जितना भी इसे युक्तिसंगत बनाना चाहें, पाप कभी भी एक छोटी सी बात नहीं होती … कभी नहीं … । जॉन ओवेन ने अपनी 17वीं शताब्दी की पुस्तक “ऑफ द मोर्टिफिकेशन ऑफ सिन” में इसे इस प्रकार रखा है: पाप को मारो या यह तुम्हें मार देगा। ध्यान देने वाली बात है
या तो आप पाप का अनुसरण कर सकते हैं, या फिर परमेश्वर की आज्ञा का पालन कर सकते हैं। पाप का अनुसरण करने से आत्मिक मृत्यु आती है, परन्तु परमेश्वर की आज्ञा मानने से आप उसके साथ सही हो जाते हैं और अनंत जीवन के अधिकारी ।
यह उसका ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए…