मौत का डर
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2 कुरिन्थियों 5:6-8 सो हम सदा ढाढ़स बान्धे रहते हैं और यह जानते हैं; कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं। 7 क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं। 8 इसलिये हम ढाढ़स बान्धे रहते हैं, और देह से अलग होकर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
हममें से अधिकांश का मृत्यु के विचार के साथ एक असहज रिश्ता है। एक ओर हम पूर्ण निश्चितता के साथ जानते हैं कि एक दिन हम मरने वाले हैं। दूसरी ओर, हम कभी नहीं चाहते कि वह दिन आये।
हम सभी कुछ हद तक इस संघर्ष का अनुभव करते हैं और जितना अधिक हमारे बाल सफेद होते हैं और हमारी त्वचा पर झुर्रियाँ पड़ती हैं, उतना ही अधिक यह हमारे दिमाग पर हावी हो जाता है। जब हमारे बूढ़े माता पिता या अन्य प्रिये जन वर्धावस्था में बीमार हो जाते हैं तो वे अपने गिरते हुए स्वास्थ्य और अपनी उम्र को देखते हुए मर्त्यु के बारे में आपसे या मुझसे कहीं अधिक सोचते हैं।
तो अगर मर्त्यु का डर आपके दिमाग में चल रहा है तो परमेश्वर का वचन आज आपके उस डर के बारे में कहता है:
2 कुरिन्थियों 5:6-8 सो हम सदा ढाढ़स बान्धे रहते हैं और यह जानते हैं; कि जब तक हम देह में रहते हैं, तब तक प्रभु से अलग हैं।
7 क्योंकि हम रूप को देखकर नहीं, पर विश्वास से चलते हैं।
8 इसलिये हम ढाढ़स बान्धे रहते हैं, और देह से अलग होकर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
कैसा उत्तम प्रोत्साहन है! यदि आप यीशु में विश्वास करते हैं, तो आप इस पृथ्वी पर उस अंतिम दिन किसके साथ पहुंच सकते हैं? विश्वास के साथ। जैसा कि चार्ल्स स्पर्जन ने एक बार कहा था, “हे प्रियों! मर्त्यु से कभी मत डरो। मर्त्यु वह आखिरी चीज़ है जिसके बारे में एक मसीही को चिंतित होना पड़ता है।
यदि आप वास्तव में यीशु पर विश्वास करते हैं, तो आपको डरने की कोई आवश्यकता नहीं है।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।