राजनीतिक सुधार का पागलपन
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1 पतरस 1:13 इसलिए आप लोग अपने मन की शक्तियों को कर्म करने के लिए तत्पर करें। आप संयमी बने रहें और उस अनुग्रह की पूरी आशा करें, जो येशु मसीह के प्रकट होने पर आप को प्राप्त होगा।
एक बात जो मुझे परमेश्वर के लोगों के बीच बहुत परेशान करती है वह यह बढ़ती हुई भावना है कि हमारी मसीही स्वतंत्रता खतरे में है, जो कि स्पष्ट रूप से इस समय में हैं, इसलिए हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम उस की रक्षा करें।
इस निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल नहीं है कि राजनीतिक सुधार बेतुके स्तर पर पहुंच चुका है। यह कुछ ऐसा है जो हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, हमारे विश्वास की स्वतंत्रता, हमारे मसीही विश्वास को जीने की हमारी स्वतंत्रता के लिए खतरा है।
हमारे विश्वास और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक गोल चक्कर में घूमते जाना कोई असामान्य प्रतिक्रिया नहीं है। मुझे गलत मत समझिए , यह दोनों चीजें मेरे दिल को भी बहुत प्रिय हैं … लेकिन जब मसीही जातिवाद, मसीह कि तरह जीवन जीने कि जगह ले लेता है, तो मैं ईमानदारी से मानता हूं कि हमने उस बुलाहट को खो दिया है जो कि लोग मसीह के नाम से बुलाए लोगों के पास होनी चाहिए।
1 पतरस 1:13 इसलिए आप लोग अपने मन की शक्तियों को कर्म करने के लिए तत्पर करें। आप संयमी बने रहें और उस अनुग्रह की पूरी आशा करें, जो येशु मसीह के प्रकट होने पर आप को प्राप्त होगा।
पतरस ने ये शब्द कुछ बहुत ही सताए हुए मसीहियों को लिखे थे। उन्होंने उन्हें तर्क जीतने के लिए नहीं, बल्कि इसके विपरीत, अपने मन को पूर्ण आत्म-संयम के साथ सेवा के लिए तैयार करने के लिए बुलाया। जैसा कि विलियम एम कम्फर्ट ने कहा … आत्म-अभिव्यक्ति की तुलना में आत्म-नियंत्रण अधिक जरूरी है।
क्या मसिहियों को सार्वजनिक बहस का हिस्सा होना चाहिए? क्या हमें चर्चा को मार्ग दर्शित करने और समाज के नैतिक तंतु का निर्माण करने में मदद करनी चाहिए? पूर्ण रूप से! लेकिन इस धरती पर हमारी मुख्य भूमिका तर्कों को जीतना नहीं है, बल्कि आत्माओं को जीतना है। ठीक यही पतरस ने कहा :
इसलिए आप लोग अपने मन की शक्तियों को कर्म करने के लिए तत्पर करें। आप संयमी बने रहें और उस अनुग्रह की पूरी आशा करें, जो येशु मसीह के प्रकट होने पर आप को प्राप्त होगा।
मसीही जातिवाद को अपने मुख्य उद्देश्य का अपहरण न करने दें। हमारा राजा प्रभु येशु मसीह स्वर्ग में राज्य करता है और हमें अपनी सारी आशा उसके अनुग्रह में रखने का पूरा अधिकार है।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए..।