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लगभग मर चुका है … लेकिन!

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इब्रानियों 11:11,12 विश्वास से सारा ने आप बूढ़ी होने पर भी गर्भ धारण करने की सामर्थ पाई; क्योंकि उस ने प्रतिज्ञा करने वाले को सच्चा जाना था। 12 इस कारण एक ही जन से जो मरा हुआ सा था, आकाश के तारों और समुद्र के तीर के बालू की नाईं, अनगिनित वंश उत्पन्न हुआ॥

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लगभग मर चुका है … लेकिन!


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कभी-कभी, परमेश्वर हमें असंभव के कगार पर ले जाते हैं, हमारे लिए “विश्वास के काँटेदार किनारे” पर वह हमें कुछ समय रहने के लिए ले जाता है । आप कब तक वहाँ बने रहते हैं? आपको कब तथ्यों का सामना करना चाहिए और अपने होश में आना चाहिए?

विश्वास की यात्रा पर निकलने वाला कोई भी व्यक्ति अपने आप से पूछता है, “क्या वास्तव में इसमें परमेश्वर है, या मैं बस इसकी कल्पना कर रहा था?” ठीक वहीं विश्वास की दुविधा है। इब्राहीम और सारा को लीजिए। वे अपनी उम्र के कारण  बच्चे पैदा करने में सक्षम नहीं थे, और किसी भी मामले में, जब तक परमेश्वर ने उन्हें अपनी संतान का वादा किया, तब तक वे इससे काफी आगे निकल चुके थे।

इब्रानियों 11:11,12 सारा के कोई सन्तान न थी, और इब्राहीम बहुत बूढ़ा हो गया था। लेकिन उसे परमेश्वर पर भरोसा था, उसने जो वादा किया था उसे पूरा करने के लिए उस ने उस पर भरोसा किया। और इसलिए परमेश्वर ने उन्हें बच्चे पैदा करने के काबिल बनाया। इब्राहीम इतना बूढ़ा था कि वह लगभग मर चुका था। किन्तु उस एक व्यक्ति के उतने वंशज हुए जितने आकाश में तारे हैं। उसके यहाँ से इतने वंश आए कि वे समुद्र के बालू के किनकों के समान हैं।

वे पचहत्तर वर्ष के थे जब उन्होंने इस पागल यात्रा पर जाने के लिए अपने आरामदायक अस्तित्व को छोड़ दिया जिस समय परमेश्वर ने उन्हें बच्चों का वादा किया था। और यह पच्चीस साल बाद तक नहीं हुआ  जब वे सौ साल के  थे कि परमेश्वर ने उन्हें अपने (मृत रूप में) शरीर से एक बच्चा, इसहाक दिया।

मेरी बात सुनिए जब आप अपने पूरे दिल से विश्वास करते हैं कि कोई चीज़ परमेश्वर की ओर से है (हाँ, यद्यपि अपूर्ण रूप से, संदेहों, असफलताओं और रास्ते में ठोकरों के साथ) भले ही यह मृत के समान हो, तोभी वह उसे पूरा करता है 

क्योंकि जब परमेश्वर के पास कोई योजना होती है, तो वह तब तक समाप्त नहीं होती जब तक कि उसकी योजना पूरी नहीं हो जाती। कभी नहीँ!

यह उसका ताज़ा वचन है। आज  आपके लिए..।


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