वो क्या सोच रहा था?
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मरकुस 8:22-26 और वे बैतसैदा में आए; और लोग एक अन्धे को उसके पास ले आए और उस से बिनती की, कि उस को छूए। वह उस अन्धे का हाथ पकड़कर उसे गांव के बाहर ले गया, और उस की आंखों में थूककर उस पर हाथ रखे, और उस से पूछा; क्या तू कुछ देखता है? उस ने आंख उठा कर कहा; मैं मनुष्यों को देखता हूं; क्योंकि वे मुझे चलते हुए दिखाई देते हैं, जैसे पेड़। तब उस ने फिर दोबारा उस की आंखों पर हाथ रखे, और उस ने ध्यान से देखा, और चंगा हो गया, और सब कुछ साफ साफ देखने लगा।
क्या आपने कभी अपने आप को किसी परिस्थिति से बाहर निकालने के लिए या किसी चमत्कार के लिए प्रार्थना करते हुए पाया है और फिर, जब परमेश्वर आपके पास आते हैं और आपके जीवन में काम करना शुरू करते हैं, तो वो होता है जिसकी आपको उम्मीद नहीं थी? और आप पूछते है की परमेशवर मैंने ये तो नहीं मांगा था। ।
आप जानते हैं कि हम सब उम्मीद करते हैं कि जीवन में सब कुछ वैसा ही हों जैसा हम चाहते हैं। जिस तरह से हम उन्हें होने की उम्मीद करते है। माँ हर गुण से परिपूर्ण होनी चाहिए। बच्चों को अच्छा व्यवहार करना चाहिए। मालिकों को दयालु होना चाहिए। नेताओं को बुद्धिमान होना चाहिए … और परमेशवेर ?, हम उससे क्या चाहते हैं? हम चाहते हैं कि ईश्वर प्रेममय, दयालु, विश्वासयोग्य, और शक्तिशाली हो। और जिसके बारे में हम अनुमान लगा सकें। क्या मैं गलत कह रहा हूँ?
मरकुस 8:22-26 और वे बैतसैदा में आए; और लोग एक अन्धे को उसके पास ले आए और उस से बिनती की, कि उस को छूए। वह उस अन्धे का हाथ पकड़कर उसे गांव के बाहर ले गया, और उस की आंखों में थूककर उस पर हाथ रखे, और उस से पूछा; क्या तू कुछ देखता है?उस ने आंख उठा कर कहा; मैं मनुष्यों को देखता हूं; क्योंकि वे मुझे चलते हुए दिखाई देते हैं, जैसे पेड़। तब उस ने फिर दोबारा उस की आंखों पर हाथ रखे, और उस ने ध्यान से देखा, और चंगा हो गया, और सब कुछ साफ साफ देखने लगा।
क्या आप विश्वास कर सकते हैं ? यीशु ने वास्तव में उस आदमी की आँखों पर थूका! ये मुझे कुछ अटपटा सा लगता है। और किसी भी स्थिति में, मैं नहीं चाहता कि मेरा परमेशवेर ऐसा व्यवहार करे। मैं चाहता हूं कि वह पारंपरिक हो, जिसके बारे में मैं अनुमान लगा सकूँ की उसका अगला कदम क्या होगा।
फिर भी उस क्षण, क्या आप वास्तव में सोचते हैं कि उस अंधे भिखारी को इस बात की परवाह थी कि यीशु ने उसकी आँखों पर थूका ? बेशक…. बिलकुल नहीं! कुछ ही क्षणों में वह अंधा नहीं था। वह देख सकता था! परमेश्वर का धन्यवाद हों!
इसलिए यदि परमेश्वर आपके जीवन में अपना अगला चमत्कार एक अद्भुत तरीके से करे तो आश्चर्यचकित ना हों ।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए …।