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अपनी गलतियों को अनदेखा करना

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भजन संहिता 19:7,8 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्‍वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; 8यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आँखों में ज्योति ले आती है;

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अपनी गलतियों को अनदेखा करना


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सुधार और निर्देश को स्वीकार करना एक ऐसी चीज है जिसे हममें से अधिकांश लोग आसानी से स्वीकार नहीं करते हैं। और फिर भी, यह वह सुधार और निर्देश है जो अंत में हमें जीवन को पूर्ण रूप से जीने में मदद करता है।

उन सभी गलतियों के बारे में सोचें जो आपने जीवन भर की हैं। और यह काफी होंगी, ठीक है ना?। और उनके परिणाम वर्षों तक गूंजते रहते हैं, यहाँ तक की आपके वर्तमान में भी। यह मेरा भी अनुभव है।

लेकिन क्या होता अगर हमने वे गलतियाँ नहीं की होतीं? क्या होता यदि हमनें अपने माता-पिता, अपने नेताओं, अपने गुरुओं की, परमेश्वर की बात सुनी होती, और उस बुद्धिमान सलाह को स्वीकार किया होता जो हमारे द्वारा किए गए बेवकूफी भरे कामों से हमें दूर रखने में हमारी मदद कर सकती थी?

बेशक, हम अतीत को नहीं बदल सकते। जो हो गया सों हो गया। लेकिन हम इस क्षण से सुधार और निर्देश के प्रति अपने दृष्टिकोण को बदल सकते हैं।

भजन संहिता 19:7,8 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्‍वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; 8यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आँखों में ज्योति ले आती है; 

जब मैं प्रतिदिन अपनी बाइबल पढ़ता हूँ और जिन प्रश्नों का उत्तर मैं परमेश्वर से लगातार पूछता हूँ, वे ये हैं: हे प्रभु, मैं कहाँ गलती कर रहा हूँ? कौन से अंधे मोड़ मेरे जीवन को बर्बाद कर रहे हैं? मैं वह कैसे बन सकता हूं जो आपने मुझे बनाया है?

मेरे पास कभी भी सीखने वाला दिल नहीं हुआ करता था और हां, कई बार मैं अभी भी संघर्ष करता हूं। लेकिन मैंने इस यात्रा में यह समझ है: परमेश्वर पर भरोसा किया जा सकता है। वह मूर्ख को बुद्धिमान बनाता है। उसके आदेश अच्छे हैं। और यह सब एक बेहतर, बहुत बेहतर जीवन की ओर ले जाता है।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।