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आदर देना सीखना

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भजन संहिता 19:9-11 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं। 10वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकनेवाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं। 11उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।

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आदर देना सीखना


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कल, हमने एक सीखने वाले दिल होने के बारे में बात की थी, कि परमेश्वर के वचन को हमें सुधारने और हमें निर्देश देने से हमारे जीवन पर शक्तिशाली और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है । लेकिन ईमानदारी से सोचें तो हम अभी भी संघर्ष करते हैं।

आपको खुद से पूछना होगा, हम संघर्ष क्यों करते हैं? जब कि हम जानते हैं कि परमेश्वर की बुद्धि शुद्ध और सिद्ध है। हम जानते हैं कि जीवन के सभी उतार-चढ़ावों में, जब हम उसके प्रेम और उसकी बुद्धि के अनुसार चलते हैं, तो यह न केवल अविश्वसनीय रूप से हमारे लिए भलाई उत्पन्न करता है, बल्कि यह हमें परमेश्वर की महिमा के लिए जीवन जीने की ओर ले जाता है। तो हम संघर्ष क्यों करते हैं?

क्योंकि किसी अन्य को नियंत्रण सौंपना, यह एक ऐसा अधिकार है, जिसे दूसरे को देने के बारे में हम सोच भी नहीं सकते हैं। भले ही वह अन्य परमेश्वर ही क्यों ना हो। तो इसका हल क्या है? हम परमेश्वर के साथ संघर्ष को कैसे रोकें? लगातार पीछे देखे बिना और यह इच्छा किए बिना कि हम अपने तरीके से अपना जीवन जियें, हम परमेश्वर के तरीके से जीवन बिताने के अविश्वसनीय फायदों को कैसे प्राप्त कर सकते हैं?

भजनसंहिता 19:9-11 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं। 10वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकनेवाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं। 11उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।

कैसे? परमेश्वर का सम्मान करना सीखने के द्वारा। उन लोगों के बारे में सोचें जिनका आप अपने जीवन में सम्मान करते हैं। उनकी बुद्धि के आगे झुकना, अक्सर, इतना मुश्किल नहीं होता है। क्यों? क्योंकि आप उनका सम्मान करते हैं। आप उन पर भरोसा करते हैं। अनुभव के आधार पर आप जानते हैं कि शायद उनका रास्ता सही साबित होगा।

परमेश्वर का सम्मान करें। जो उसकी आज्ञा मानते हैं, वे अच्छी चीजें हासिल करते हैं।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।