आपका जुनून, आपकी बुलाहट
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यूहन्ना 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।
क्या आपने कभी खुद को फलों के व्यवसाय में होने के बारे में सोचा है, जिसका काम अच्छा फल देना, उत्पादन करना और वितरित करना है। क्योंकि यदि आप यीशु के अनुयायी हैं, तो वास्तव में आप इसी व्यवसाय में हैं।
क्या आप जानते है कि आप बहुत ही अनोखे हैं। इस समय ग्रह पर 8 अरब से अधिक लोगों के बीच, या जो पहले जा चुके हैं और जो आपके बाद आएंगे, आपके जैसा न कोई था, है और न ही कभी नहीं ।
आपके दिमाग में यह कितना अद्भुत विचार है। आप पूरी तरह से एक तरह से बईकुल अलग हैं! जिसका अर्थ है कि आपके पास ऐसी चीजें हैं जिनके बारे में आप भावुक हैं जो किसी और के दिमाग में भी नहीं आ सकता; जो चीजें आप कर सकते हैं जो हममें से बाकी लोगों के लिए कभी संभव नहीं होंगी।
और यदि आप यीशु पर विश्वास करते हैं, तो यह जान लीजिए – बाइबल मे लिखा है :
यूहन्ना 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना। मैंने तुम्हें चुना है। और मैं ने तुम्हें यह काम दिया है, कि जाकर फल लाओ, ऐसा फल जो बना रहे। तब पिता मेरे नाम से जो कुछ तुम माँगोगे वह तुम्हें देगा।
पूरी तरह से यह जानते हुए कि आप कौन हैं, आप किसके लिए चुने गए हैं और आप क्या नहीं हैं, यीशु ने आपको यह काम दिया है कि आप जाकर फल लाओ, ऐसा फल जो बना रहे। परमेश्वर की स्तुति करो कि जो फल आप उत्पन्न करोगे वह उस फल से बिल्कुल भिन्न होगा जो मैं उत्पन्न करता हूँ।
तो जिन चीज़ों के बारे में आप भावुक हैं, वे यू ही नहीं हैं, वे आपकी बुलाहट हैं। जब आप यीशु के नाम में, उसकी महिमा के लिए उन मनोभावों को पूरा करते हैं, तो क्या हो सकता है – अंदाज़ा लगाइए?
आप अपने और दूसरों के जीवन में अनंत फल पैदा कर रहे हैं। यह ठीक इसी तरह होना चाहिए ।
और यह परमेश्वर काताज़ा वचन है। आज आपके लिए…।