एक घर सदा के लिए
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भजन संहिता 90:1,2 हे स्वामी, तू पीढ़ी से पीढ़ी हमारे लिए आश्रय-स्थल बना हुआ है। पर्वतों के उत्पन्न होने के पहिले, तेरे द्वारा संसार की सृष्टि होने के पूर्व, युग-युगान्त से तू ही परमेश्वर है।
सुरक्षा मनुष्य की बुनियादी मानवीय आवश्यकता हैं। हम इस के लिए तरसते हैं, और कई बार, हमें इसे पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। और जीवन में इसका ना होना कोई सुखद बात नहीं है।
क्या आपने कभी सोचा है कि आप घर के दरवाजे पर ताला क्यों लगाते हैं ? हालाँकि हम इसके बारे में बहुत अधिक सोचने की आवश्यकता नहीं है। इसका उत्तर स्पष्ट है। यह बुरे लोगों को बाहर रखने के लिए है, ताकि हम अपने घरों में सुरक्षित रह सकें।
लेकिन दुख की बात है – विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए – कि कई बार घर भी उनके लिए सुरक्षा का स्थान नहीं होता। या शायद जो कुछ आपके जीवन में चल रहा है, वह आपके भीतर उथल-पुथल और भय का कारण बन जाता है। यही कारण है कि कई बार हम वास्तविकता से ध्यान हटाने के लिए अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने की कोशिश करते हैं ताकि हमें हमारी समस्याओं का हल मिल सके।
भजन संहिता 90:1,2 हे स्वामी, तू पीढ़ी से पीढ़ी हमारे लिए आश्रय-स्थल बना हुआ है।पर्वतों के उत्पन्न होने के पहिले, तेरे द्वारा संसार की सृष्टि होने के पूर्व, युग-युगान्त से तू ही परमेश्वर है।
ज़रा ध्यान से देखें की इस भजन का लेखक मूसा, जो चित्र यहाँ बना रहा है। विशाल ऊंचे पहाड़ों के पैदा होने से भी पहले, यहां तक कि पृथ्वी और इस संसार के बनने से भी पहले, परमेश्वर हमारा परमेश्वर रहा है। परमेश्वर आपका परमेश्वर रहा है। ईश्वर आपका घर है, आपकी परम सुरक्षा और सुरक्षा का स्थान है।
तो मेरे दोस्त, जब ये बुनियादी मानवीय ज़रूरतें पूरी न हों , तो उन्हें परमेश्वर में खोजें। जाएं और उसी में विश्राम करें। पहाड़ों से भी बड़ा, धरती से भी बड़ा, ब्रह्मांड से भी बड़ा। वही आपका परमेश्वर है। और उसके पास एक दिल है जो आपके लिए धड़कता है। उसमें अपनी सुरक्षा खोजें। आपकी सुरक्षा का एकमात्र स्थान।
परमेश्वर आपका परमेश्वर है। वह हमेशा से था, वह हमेशा रहेगा।
वह उसका ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए..।