क्योंकि आपने विश्वास किया
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क्योंकि विश्वास के द्वारा 2:8,9 इफिसियों अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।
जब परमेश्वर के साथ अनंत काल बिताने की बात आती है, तो परमेश्वर की कृपा और अनुग्रह पर्याप्त नहीं है? आप पूछेंगे क्या मतलब ? बेशक यही सच है !! लेकिन नहीं । इस समीकरण में एक और बात है।
इसके बारे में जरा सोचिए पति पत्नी एक दूसरे से प्रेम करते है लेकिन पति और पत्नी बनने के लिए प्रेम पर्याप्त नहीं था। उस महान प्रेम- का दूसरा हिस्सा यह था कि दोनों का हाँ कहना जरूरी था। और शादी की वाचा आज भी है, क्योंकि दोनों ने हाँ कहा और वास्तव में वह एक दूसरे को हर दिन हाँ कहते हैं।
और हम में से प्रत्येक के लिए, प्रत्येक पुरुष, महिला और बच्चे को परमेश्वर की कृपा और अनुग्रह पूरी तरह से प्रदान किया जाता है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। कई लोग अभी भी मसीह के बिना अनंत काल की ओर अग्रसर हैं।
इफिसियों 2:8,9 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है।और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्ड करे।
हम अनुग्रह से क्यों बचाए गए हैं? क्योंकि हमने विश्वास किया । नहीं, हमने खुद को नहीं बचाया बिल्कुल वैसे ही जैसे विवाह भी एक तरफ नहीं होता । लेकिन जब हम विश्वास के माध्यम से मसीह में परमेश्वर के अनुग्रह और दया के प्रस्ताव का जवाब देते हैं, तो हम बच जाते हैं।
उसने यहाँ पर पूरा बोझ उठाया है। उसने यह सब यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान के माध्यम से किया है। लेकिन हमें अभी भी “हां” कहना है। हमें अभी भी विश्वास में उसके पास आना है, और हमें पूरे मन से उस पर विश्वास करना है, अपने जीवन को यीशु के जख्मी हाथों मे सोंप कर उस पर भरोसा करना है ताकि हमारे लिए उसने जो कुछ भी किया है, उसके द्वारा अनुग्रह से हम बचाए जा सके।
क्या आपने हाँ कहा है? क्या आपने विश्वास किया है ?
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए.।