... helping you be all that God made you to be, because He plans on shining His light into this world through you.

Berni - ceo, Christianityworks

खुला … या बंद?

We're glad you like it!

Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.

Register or Login

Add to Favourites

प्रकाशितवाक्य 3:19,20 मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा। 
20 देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं; यदि कोई मेरा शब्द सुन कर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आ कर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ।

Listen to the radio broadcast of

खुला … या बंद?


Download audio file

एक मसीही होने का मतलब है पश्चाताप करना अर्थात उन चीजों से मुंह मोड़ना जो गलत है। यही कारण है कि बहुत से लोग यीशु के पीछे नहीं चलते हैं।

वह चीज पश्चाताप (यदि मैं उस शब्द का प्रयोग करता हूं तो आप मुझे क्षमा करें) क्योंकि यह इतना कठिन है, कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि हम गलत हैं, इसलिए हमारे गर्व को चोट लगती है। और साथ ही हम अपने पाप के आदी हो जाते हैं। और जैसे एक एडिक्ट अपनी लत के परिणामों के बारे में स्वयं को भ्रमित करता हैं, वैसे ही हम अपने आप भी यह कहकर अपने को धोका देते हैं , कि यीशु हमें थोड़ा सा धक्का देकर हमें एक विशेष व्यवस्था प्रदान करेगा क्योंकि, आखिरकार, हम विशेष हैं।

लेकिन क्योंकि वह हमसे प्यार करता है, यह कुछ ऐसा नहीं है जिसे वह जारी रखने की अनुमति देगा। धत्तेरे की! यीशु कहते हैं …

प्रकाशितवाक्य 3:19,20 मैं जिन जिन से प्रीति रखता हूं, उन सब को उलाहना और ताड़ना देता हूं, इसलिये सरगर्म हो, और मन फिरा।
20 देख, मैं द्वार पर खड़ा हुआ खटखटाता हूं; यदि कोई मेरा शब्द सुन कर द्वार खोलेगा, तो मैं उसके पास भीतर आ कर उसके साथ भोजन करूंगा, और वह मेरे साथ।

यीशु जानता है कि हमारा निरन्तर पाप, अनन्त मृत्यु की ओर ले जाएगा, और क्योंकि वह हमसे प्रेम करता है, कोई गलती न करें, वह चीजों को ठीक कर देगा; वह ताड़ना देगा, वह अनुशासन देगा। किसी बिंदु तक हमारे पास एक विकल्प है।

हम उत्साही होकर पश्चाताप कर सकते हैं या हम उसका विरोध कर सकते हैं, जैसे कि यह समझ में आता है कि मनुष्य के लिए पश्चाताप करना कठिन है, लेकिन जब हम उसकी आवाज सुनते हैं, तो क्या हम वास्तव में उसके लिए अपने हृदय का द्वार बंद कर देते हैं?

तो आप क्या करेंगे ? क्या आपका दरवाजा उसके लिए खुला है, या बंद ? क्या आप पछताओगे, या उसके साथ संगति करने से चूक जाओगे?

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज  आपके लिए… 


We use cookies to improve your browsing experience, analyse site traffic & personalise content, but we do not track you when you leave this site. To find out how we utilise & protect your data, check out our "Privacy Policy".

Privacy Policy