जगत की ज्योति मैं हूँ ।
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यूहन्ना 8:12 येशु ने लोगों से फिर कहा, “संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, वह अन्धकार में कभी नहीं चलेगा वरन् वह जीवन की ज्योति प्राप्त करेगा।”
पिछले कुछ हफ़्तों से, हम उस अँधेरे के बारे में बात कर रहे हैं जो दुनिया को घेरता हुआ प्रतीत होता है। लेकिन यह अंधेरा सिर्फ दुनिया को ही नही परंतु कई लोगों के जीवन को भी घेर रहा है।
पिछले दो वर्षों में हम जिन परिस्थितियों से गुज़रें हैं -COVID महामारी, कई मौतें, कुछ जगहों पर नागरिक अशांति, आर्थिक और सामाजिक गिरावट – सच में यह एक कठिन समय रहा है। और यह हमारे जीवन में चल रही सामान्य “परेशानियों ” का उल्लेख नहीं है -क्योंकि जीवन में हमेशा कुछ न कुछ चलता ही रहता है, है ना?
इतने लंबे समय तक ऐसे हालातों में रहने के बाद, उदासी में डूबना आसान है। यह उस लंबी, ठंडी सर्दी की तरह महसूस होता है जिसका कोई अंत ना हो। और बहुत से ऐसे लोग हैं जिनकी आस्था डगमगा रही है। जो सोच रहे हैं कि इस सब में परमेश्वर कहां हैं?
यूहन्ना 8:12 बाद में, येशु ने लोगों से फिर कहा, “संसार की ज्योति मैं हूँ। जो मेरा अनुसरण करता है, वह अन्धकार में कभी नहीं चलेगा वरन् वह जीवन की ज्योति प्राप्त करेगा।”
मुझे ऐसा लगता है कि जिस कठिन समय में हम रह रहे हैं वह हमें बहुत बड़ा अवसर प्रदान कर रहा है। यीशु के करीब आने का अवसर। उसे हमारे जीवन में अपना प्रकाश चमकने देने का अवसर। जीवन में एक बार फिर उसका अनुसरण करने और जीवन देने वाले प्रकाश को प्राप्त करने का अवसर। सच्चा जीवन, भरपूर जीवन, जिसका उसने वादा किया था।
ज़रा सोचिए, इस धरती पर बिना रोशनी के जीवन नहीं हो सकता। अगर कल या अगले दिन सूरज फिर से नहीं उगता है, तो बहुत जल्द हम, और हमारे साथ इस ग्रह पर बाकी सब कुछ समाप्त हो जाएगा।
इस अवसर को जाने ना दें। यीशु जगत का प्रकाश है। उससे, आपको वह प्रकाश मिलेगा जो आपको जीवन देगा।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।