झूठे भविष्यवक्ता , झूठे देवता ।
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व्यवस्थाविवरण 13:1-4 “यदि तेरे बीच कोई भविष्यद्वक्ता या स्वप्न देखनेवाला प्रगट होकर तुझे कोई चिह्न या चमत्कार दिखाए, 2और जिस चिह्न या चमत्कार को प्रमाण ठहराकर वह तुझ से कहे, ‘आओ हम पराए देवताओं के अनुयायी होकर, जिनसे तुम अब तक अनजान रहे, उनकी पूजा करें,’ 3तब तुम उस भविष्यद्वक्ता या स्वप्न देखनेवाले के वचन पर कभी कान न धरना; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारी परीक्षा लेगा, जिससे यह जान ले, कि ये मुझ से अपने सारे मन और सारे प्राण के साथ प्रेम रखते हैं या नहीं? 4तुम अपने परमेश्वर यहोवा के पीछे चलना, और उसका भय मानना, और उसकी आज्ञाओं पर चलना, और उसका वचन मानना, और उसकी सेवा करना, और उसी से लिपटे रहना।
सफल होने की हमारी इच्छा में, जो की बचपन से हमें सिखाया जाता है, हम बड़ी आसानी से गलत लोगों को और झूठे देवताओं को अपने जीवन में ऊंचा स्थान देने लगते हैं। यह बहुत आसान है ।
कुछ बहुत बड़े, और “सफल” दिखने वाले चर्च ऐसा करने में लगे हुए हैं क्योंकि कुछ झूठे प्रभावशाली अगुवे, लोगों को झूठे देवताओं की पूजा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जैसे कि संपन्नता की आकांक्षा से लेकर व्यभिचार, कुछ भी चलता है-में विश्वास रखने वाली जीवन शैली, स्वास्थय, धन और बुद्धि तक। आप इसे कोई भी नाम दें, और ये अगुवे लोगों को झूठे देवताओं की पूजा करने के लिए प्रेरित करते हैं – चर्च के अंदर और बाहर, दोनों जगह।
लेकिन, परमेश्वर इसकी अनुमति क्यों देता है? वह उन्हें रोकता क्यों नहीं ? क्योंकि, उसके पास एक कारण है, एक बहुत अच्छा कारण है। और वह यह है :
व्यवस्थाविवरण 13:1-4 “यदि तेरे बीच कोई भविष्यद्वक्ता या स्वप्न देखनेवाला प्रगट होकर तुझे कोई चिह्न या चमत्कार दिखाए, 2और जिस चिह्न या चमत्कार को प्रमाण ठहराकर वह तुझ से कहे, ‘आओ हम पराए देवताओं के अनुयायी होकर, जिनसे तुम अब तक अनजान रहे, उनकी पूजा करें,’ 3तब तुम उस भविष्यद्वक्ता या स्वप्न देखनेवाले के वचन पर कभी कान न धरना; क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारी परीक्षा लेगा, जिससे यह जान ले, कि ये मुझ से अपने सारे मन और सारे प्राण के साथ प्रेम रखते हैं या नहीं? 4तुम अपने परमेश्वर यहोवा के पीछे चलना, और उसका भय मानना, और उसकी आज्ञाओं पर चलना, और उसका वचन मानना, और उसकी सेवा करना, और उसी से लिपटे रहना।
वह ऐसा क्यों होने देता है? हमें परखने के लिए। आपकी और मेरी परीक्षा लेने के लिए। क्या हम उसे अपने पूरे दिल और आत्मा से प्यार करने के लिए तैयार हैं, उसका अनुसरण करने के लिए, उसका सम्मान करने के लिए, उसकी आज्ञा मानने के लिए, चाहे उसकी कीमत कुछ भी हो… या नहीं?
झूठे प्रभाव डालने वालों की बात मत सुनें। झूठे देवताओं की पूजा मत करें। अपनेपरमेश्वरयहोवाकीसेवाकरना, औरउसीसेलिपटेरहना।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।