परमेश्वर कैसा है
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इब्रानियों 1:3 वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा।
किसी के साथ एक समृद्ध, संतोषजनक संबंध रखने के लिए मौलिक रूप से उन्हे जानना जरूरी है। हो सकता है कि इतने सारे लोग कभी परमेश्वर के साथ एक समृद्ध, संतोषजनक संबंध नहीं रखते – क्योंकि वे वास्तव में उसे जानते नहीं हैं
क्या आपने कभी अपने आप से सोचा है, “मुझे आश्चर्य है कि परमेश्वर कैसा है”? मेरा मतलब है, वह वास्तव में कैसा दिखता है।
यह वास्तव में बहुत सामान्य है क्योंकि हम उसे शारीरिक रूप से नहीं देख सकते हैं, जिस तरह से हम अपने जीवन में अन्य लोगों को देख सकते हैं। इसलिए हम जो तस्वीरें देखते हैं उन्ही के आधार पर हम परमेश्वर की छवि बना लेते हैं और आप जानते हैं तो क्या होता है, हम सभी आसानी से वह छवि बनाते हैं, जो हमारे लिए स्वीकार्य है, हम जिसमे सहज अनुभव करते हैं।
देखिए, कोई भी व्यक्ति जटिल या कॉम्प्लेक्स होता है। किसी भी शादी शुदा व्यक्ति से पूछे और वह आपको बताएगा कि उसकी पत्नी वास्तव में कितनी जटिल है। पति पत्नी को दूसरे को समझने में दशक लग जाते हैं
ठीक है, इसी तरह भी है , यही कारण है कि हम अपने दिमाग के हिसाब से उसकि अलग अलग तस्वीरें बनाते हैं, बस आप उसे देख नहीं पाएंगे, तो आप उसे कैसे समझेंगे? बाइबल में लिखा है
इब्रानियों 1:3 वह उस की महिमा का प्रकाश, और उसके तत्व की छाप है, और सब वस्तुओं को अपनी सामर्थ के वचन से संभालता है: वह पापों को धोकर ऊंचे स्थानों पर महामहिमन के दाहिने जा बैठा।
सो जब आप यीशु को देखते हैं, तो पता चलता है, कि वह परमेश्वर की बहुत सटीक छाप है। (बिल्कुल वैसे ही जैसे किसी भी देश कि मुद्रा पर उसके शासक या राष्ट्र पिता की तस्वीर होती है – जैसे महात्मा गांधी की )
तो, यदि आप जानना चाहते हैं कि परमेश्वर वास्तव में कैसा दिखता है? बस यीशु को देखो। वह परमेश्वर का प्रतिरूप है । यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए… आज।