यह वास्तव में जटिल नहीं है
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रोमियों 13:9,10 क्योंकि यह कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख। प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है॥
इन दिनों, सही और गलत के बीच की रेखा बहुत ही धुंदली होती जा रही है। वास्तव में, किसी चीज़ को देखना आसान है लेकिन यह नहीं पता चलता की वह सही हो या गलत।
यह सच है ना? लोग सही और गलत के बीच की रेखा को धुंधला करना चाहते हैं। यह काला और सफेद हुआ करता था, लेकिन इन दिनों यह भूरे रंग की हो गई है, कहीं काले रंग का एक धब्बा है, और दूसरे छोर पर सफेद रंग का एक छोटा सा टुकड़ा है।
हमारी कानूनी व्यवस्था की स्थापना किसी न किसी ईश्वर से पुराने जमाने के नियमों पर की गई थी (कम से कम उन देशों मे जो मसीही धर्म की नीव पर बने हैं) … लेकिन अब इसकी कोई परवाह नहीं करता ! बेशक यह कोई नई बात नहीं है। जब तक आप और मेरे जैसे पापी पृथ्वी पर हैं, तब तक नैतिकता, नैतिक व्यवहार सभी खतरे की स्थिति में हैं।
हालांकि इन दिनों, यह बहुत अधिक जटिल है। ऐसा लगता है कि आपको सावधान रहना होगा ताकि आप अपने विशेष ब्रांड के सही और गलत से किसी की भावनाओ को ठेस न पहुंचाएं। लेकिन वास्तव में, यह इतना जटिल नहीं है। सचमुच नहीं क्योंकि बाइबल मे लिखा है
रोमियों 13:9,10 व्यवस्था कहती है, – व्यभिचार न करना, हत्या न करना; चोरी न करना; लालच न करना; और इन को छोड़ और कोई भी आज्ञा हो तो सब का सारांश इस बात में पाया जाता है, कि अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।प्रेम पड़ोसी की कुछ बुराई नहीं करता, इसलिये प्रेम रखना व्यवस्था को पूरा करना है॥
हां, नियम होते हैं और कभी-कभी लोग उन्हें बदलना चाहते हैं, उन्हें थोड़ा बाएं या थोड़ा दाएं, या थोड़ा ऊपर, थोड़ा नीचे ले जाते हैः और हाँ, आप और मैं इस बात से असहमत हैं कि लोग उन्हें कहाँ रखते हैं, क्योंकि कभी-कभी जोश मे जब सब कुछ कहा और किया जाता है, तो यह वास्तव में बहुत आसान होता है:
अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार करो जैसे तुम खुद से करते हो… भले ही आप उनसे असहमत ही क्यों न हों।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए…