रीति रिवाजो का तिरस्कार
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यिर्मयाह 33:3 मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुनकर तुझे बड़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊँगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता।
हो सकता है कि आज मैं आपसे पूछूं, की आप प्रार्थना कैसे करते हैं? प्रार्थना के बारे में आपका दृष्टिकोण क्या है? प्रार्थना को लेकर किस तरह के विचार या छवि आपके दिमाग में आती है? मसीही लोग , प्रार्थना करने के बारे में बहुत सारी बातें करते हैं, लेकिन ये नहीं कहते कि हम प्रार्थना कैसे करते हैं।
“प्रार्थना” शब्द कुछ लोगों के लिए अनुष्ठान या रीति रिवाजों का दूसरा नाम है। आपको लगता हैं की प्रार्थन के लिए आपको एक निश्चित स्थान पर होना चाहिए, एक निश्चित तरीके से कपड़े पहनने चाहिए सही शब्दों को सही तरीके से प्रयोग करना चाहिए। और यदि आप ये सब सही सही करते हैं तो परमेश्वर आपको दंडित नहीं करेंगे और शायद जो कुछ आप मांग रहे हों वो आप को मिल भी जाए।
जब मैं बड़ा हो रहा था तो मुझे भी यही सिखाया गया था। लेकिन आखिरकार मैं सोचने लगा की अगर यही प्रार्थना है, तो किसको इसकी ज़रूरत है?” इसलिए मैंने बिना प्रार्थना किए कोई बीस साल गुज़ार दिये। और मैं आपको बता दूँ की भटकने के लिए ये एक लंबा समय था।
फिर जब मैं तीस का दशक पार करके के करीब था, और जब मेरी सारी उम्मीदें और सपने टूट चुके थे , हताशा से भरपूर मैं फिर से प्रार्थना करने लगा।
किसी रीति रिवाज या फार्मूला के साथ नहीं, बस मैंने परमेश्वर के सामने अपना दिल खोल दिया। और मेरे आश्चर्ये की सीमा न रही जब परमेश्वर ने मुझे उत्तर देना शुरू कर दिया। मुझे ऐसे उत्तरों की उम्मीद नहीं थी। मैं उम्मीद कर रहा था कि वह जादू की छड़ी घुमाएगा और मेरी सभी समस्याओं को हल कर देगा। लेकिन उनके दिमाग में कुछ और ही था।
यिर्मयाह 33:3 मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुनकर तुझे बड़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊँगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता।
मैंने परमेश्वर को पुकारा। उसने मुझे उत्तर दिया … लेकिन ये उत्तर बुध्धी और प्रोत्साहन थे… जिनकी मुझे उन कठिन समयों से गुजरने के लिए आवश्यकता थी, न कि जादू की छड़ी जो पलक झपकते ही मेरी सारी समस्याओं को दूर कर देती। ।
प्रार्थना। यह कोई फार्मूला या रीति रिवाज नहीं है। इसे गंभीरता से लें।। परमेश्वर को पुकारो और वह तुम्हें उत्तर देगा।
यह परमेश्वर का ताजा वचन है। आज। … आपके लिए…