वहाँ बैठे न रहें
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भजन 113:7,8 वह कंगाल को मिट्टी पर से, और दरिद्र को घूरे पर से उठा कर ऊंचा करता है, कि उसको प्रधानों के संग, अर्थात अपनी प्रजा के प्रधानों के संग बैठाए।
मैं नहीं जानता कि क्या आप कभी इतने भूखे हुए है कि आप भूख से मरने पर थे और यह बहुत सुखद एहसास नहीं होता। खासकर जब आप जानते हैं कि किसी तरह से मदद नहीं मिल रही है। खासकर जब आप अपने बच्चों को पीड़ित होते हुए देखते हैं। यह एक भयानक बात है – बहुत भयानक।
हर रात को शाम की खबर में हम गरीब लोगों की तस्वीरें देखते हैं। यहाँ एक आपदा है । तो वहाँ एक युद्ध । और किसी देश में बच्चे मर रहे हैं ।
सच्चाई यह है कि हर एक दिन लगभग 25,000 लोग गरीबी के मारे भूख से मर जाते हैं। आज हम केवल कुछ मिनट ही एक साथ बिताएंगे, लेकिन इस बीच कुपोषण से साठ से अधिक लोग मर जाएंगे
और आप असली समस्या जानते हैं? हम इसे देखते हैं और सोचते हैं, “ठीक है, यह समस्या इतनी बड़ी है कि मैं संभवतः कोई अंतर नहीं ला सकता। यदि ईश्वर ईश्वर है, तो वह इसे संभालने वाला एकमात्र व्यक्ति है। मैं कुछ भी नहीं कर सकता। शायद एक बच्चे को प्रायोजित या स्पॉन्सर करें? लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है?
और इसलिए, हम. कुछ नहीं करते हैं
परमेश्वर उस सब के बारे में क्या सोचता है? जब वह गरीबों और जरूरतमंदों और भूखों को देखता है तो उसे क्या लगता है? बाइबल में लिखा है
भजन 113:7,8 वह कंगाल को मिट्टी पर से, और दरिद्र को घूरे पर से उठा कर ऊंचा करता है, कि उसको प्रधानों के संग, अर्थात अपनी प्रजा के प्रधानों के संग बैठाए।
जब हम ऐसा कुछ पढ़ते हैं, तो निश्चित रूप से हमें खुद से पूछना पड़ता है, “मैं यहाँ कैसे बैठा रह सकता हूँ? मैं कैसे कुछ भी नहीं कर सकता …?
पूरी बाइबल में, एक चीज जो हम पड़ सकते हैं वह है गरीबों, दलितों, , पीड़ितों, और मरने वालों के लिए उनका अविश्वसनीय दिल और प्रेम ।
और जब आप बाइबल पढ़ते हैं, तो दूसरी चीज़ जो आपको याद दिलाती है, वह है कि वह हमें, आपको और मुझे बुला रहा है, ताकि इस बारे में कुछ करने के लिए उसके साथ हाथ मिलाए !
हम यहाँ कैसे बैठे रह सकते हैं?
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए।