विश्वास करने की कला
We're glad you like it!
Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.
2 तीमुथियुस 3:16,17 हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए॥
हम सभी, कुछ हद तक, चीजों को रंगीन चश्मे से यानि अपने दृष्टिकोण से देखते हैं, जो हमारे जीवन के अनुभव, या हमारे विश्वासों से भरे होते हैं और अक्सर इसमे कुछ कमियाँ जरूर होती हैं।
और जब हम सच्चाई की बात करते हैं, तो हम जो कुछ भी मानते हैं, उससे हम खुद को प्रभावित होने देते हैं, उसे समझने की प्रवृत्ति थोड़ी समस्या से अधिक होती है। इसलिए एक बड़े मुकदमे में, अभियोगी और बचाव पक्ष दोनों ही जूरी सदस्यों का चयन बहुत सावधानी से करते हैं। वे नहीं चाहते कि लोग निर्णय सुनाएं, जिनका रंगा हुआ चश्मा परिणाम पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। ज़ाहिर सी बात है।
जो बात इतनी स्पष्ट नहीं है वह हममें से उन लोगों की प्रवृत्ति है जो खुद को “मसीही ” कहते हैं और हम बाइबल को चुन चुन कर पढ़ते हैं । जैसा कि लेखक स्टीफन कोवे ने इसे अपनी सर्वश्रेष्ठ किताब “द सेवन हैबिट्स ऑफ हाईली इफेक्टिव पीपल” में लिखा है, कि यह अक्सर कहा जाता है कि देखना विश्वास करना है। लेकिन वास्तव में विश्वास करना ही देखना है। हम जो मानते हैं, हमारे चश्मे में रंग, हम जो देखते हैं उसे प्रभावित करते हैं।
और इसी तरह हम अक्सर बाइबल पढ़ते हैं। यहाँ एक उपयुक्त उद्धरण है, जहां लिखा है -: जब आप परमेश्वर के वचन को पढ़ते हैं, तो केवल वही न पढ़ें जो आप मानते हैं। आप जो पढ़ते हैं उस पर विश्वास करें।, क्योंकि…
2 तीमुथियुस3:16,17 हर एक पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए॥
क्या आपने इसे सुना ? सभी शास्त्र परमेश्वर द्वारा दिए गए हैं। इसलिए जब आप इसे पढ़ते हैं, तो केवल वही न पढ़ें जो आप मानते हैं। आप जो पढ़ते हैं उस पर विश्वास करें।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए..