अपनी प्रशंसा अपने आप ना करें।
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नीतिवचन 27:2 तू अपनी प्रशंसा अपने मुंह से न करना; दूसरे लोग तेरी प्रशंसा करें तो करें। दूसरे मनुष्य के मुख से तेरी प्रशंसा हो, यह शोभा देता है; अपने आप मियां-मिट्ठू मत बनना
इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम सभी चाहते हैं कि हमें पसंद किया जाए। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अवसर मिलने पर हम अन्य लोगों को प्रभावित करने के लिए कुछ भी कह और कर सकते हैं। लेकिन इसका परिणाम हमेशा अच्छा नहीं निकलता।
एक जमाने में, आपको एक किताब प्रकाशित करने के लिए, या यहां तक कि किसी समाचार पत्र में एक लेख छपवाने के लिए बहुत खास होना पड़ता था। तो कुल मिलाकर, हमारी आत्म-अभिव्यक्ति हमारे अपने जान पहचान के लोगों के छोटे से घेरे तक सीमित थी……. ज्यादा से ज्यादा कुछ सौ लोग।
हालांकि इन दिनों, फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर और किसी भी अन्य सोशल मीडिया के जरिए आप, समाचार पत्रों के लेखों और अन्य लोगों के ब्लॉग पर ऑनलाइन टिप्पणियां पोस्ट करने की क्षमता रखते हैं। यहाँ यह बताने कि जरूरत नहीं है कि अगर आप चाहें तो अपना ब्लॉग शुरू करना कोई मुश्किल काम नहीं हैं।
और बहुत सी चीजें जो आत्म-उन्नति के नाम पर आप ऑनलाइन पर देखते हैं, या दूसरे शब्दों में अपनी प्रशंसा आप करने वाली सामग्री…….. वह बहुत सुंदर नहीं होती! अगर आप ललचा रहे हैं तो ध्यान दें ..
नीतिवचन 27:2 तू अपनी प्रशंसा अपने मुंह से न करना; दूसरे लोग तेरी प्रशंसा करें तो करें।
दूसरे मनुष्य के मुख से तेरी प्रशंसा हो, यह शोभा देता है;
बेशक इसमें कुछ भी नया नहीं है। चार्ल्स स्पर्जन ने इस बारे में कहा :
पवित्र आत्मा विनम्रता को इतना दुर्लभ पाता है कि वह इसे लिखने में सावधानी बरतता है। जो कुछ यहोवा ने तुम्हारे लिए किया है, उसके बारे में बहुत कुछ कहो, लेकिन जो कुछ तुमने यहोवा के लिए किया है, उसके बारे में कम ही कहो। आत्म-प्रशंसा करने वाली बातें ना करो।
देखिए, इस दुनिया में स्वयं के बारे में बात करने का, लोगों को हमारे बारे में अच्छा सोचने के लिए प्रेरित करने का एक वास्तविक प्रलोभन है। लेकिन गंभीरता से सोचिए, किसी और के द्वारा डींग मारने से आप कितनी बार प्रभावित हुए हैं? (यह एक गंभीर विचार है!)
लेकिन जब दूसरे आपके बारे में अच्छा बोलते हैं, तो वह बात अधिक वज़न रखती है। और सच्चाई तो यह है, कि हम केवल विनम्र लोगों के बारे में ही अच्छा बोलते हैं।
तू अपनी प्रशंसा अपने मुंह से न करना; दूसरे लोग तेरी प्रशंसा करें तो करें।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।