आप उद्धार का फल
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जब उस ने बहुतेरे फरीसियों 3:7,8 मत्ती और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उन से कहा, कि हे सांप के बच्चों तुम्हें किस ने जता दिया, कि आने वाले क्रोध से भागो? सो मन फिराव के योग्य फल लाओ।
यीशु में विश्वास, मसीह द्वारा उद्धार बस एक ऑपचारिक्त नहीं है। यह एक रूपांतरित जीवन है। यह एक ऐसा जीवन है जो फलवंत है, एक ऐसा जीवन जो दर्शाता है कि हमारा विश्वास वास्तविक है।
मैं परंपरा वाले चर्च में पला-बढ़ा हूं – सप्ताह दर सप्ताह हम आराधना सभा मे जाते और ऐसे लोगों से घिरे हुए थे जो सोचते थे कि ये धार्मिक अनुष्ठान ईश्वर का मार्ग हैं। मेरा मतलब है कि वे ईमानदारी से उस पर विश्वास करते थे।
लेकिन उनके जीवन में कभी कुछ भी नहीं बदला। उनके मन में कोई खुशी नहीं थी। शांति नहीं थी। जब आप सच्चे मसिहियों से मिलते हैं तो आप उस ईश्वरीय चमक को देख सकते हैं? लेकिन वहाँ ऐसा कुछ नहीं था! और यह उनके जीवन में वास्तविक परिवर्तन की कमी थी जिसने मुझे बताया कि उनका धर्म बेकार था। यही कारण है कि मैं अपने जीवन के सगुरु मे परमेश्वर से दूर रहा । बेशक इसमें कुछ भी नया नहीं है। बाइबल मे लिखा है
मत्ती 3:7,8 जब उस ने बहुतेरे फरीसियों और सदूकियों को बपतिस्मा के लिये अपने पास आते देखा, तो उन से कहा, कि हे सांप के बच्चों तुम्हें किस ने जता दिया, कि आने वाले क्रोध से भागो?सो मन फिराव के योग्य फल लाओ।
यह बहुत कठोर शब्द है, लेकिन यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला इन धार्मिक नेताओं से यहां जो कह रहा है, वह यह है कि जिन धार्मिक अनुष्ठानों पर उन्होंने ध्यान दिया, वे उन्हें परमेश्वर के राज्य में नहीं ले जा रहे थे।
केवल सच्चा “पश्चाताप” – हृदय का एक वास्तविक परिवर्तन से ही यह प्रमाणित होता है। केवल धार्मिक क्रियाओं से गुजरना परमेश्वर तक नहीं पहुंचाता । कभी नहीं । वह जिस चीज की तलाश कर रहा है वह यीशु में सच्चा विश्वास है। और इस तरह से वह जानता है कि यह वास्तविक है। जब हम…पश्चाताप के अनुसार फलवंत होते हैं।
कुछ भी कम केवल एक दिखावा है और वह इसे एक मील दूर देख सकते हैं।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज आपके लिए..।