गहरे रंग के धागे
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उत्पत्ति 50:20 यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिससे वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं।
जीवन के सबसे उलझाने वाले सवालों में से एक यह है कि अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है? और यदि आप परमेश्वर पर विश्वास करते हैं , तो एक प्रशन और उठता है । परमेश्वर ये आप क्या कर रहे हैं?
मुझे कुछ समय पहले एक आदमी का पत्र मिला, जिसे सात साल पहले लकवा मार गया था । इसके बाद उसने स्वाद और बोलने की क्षमता खो दी और तब से, वह बहरा भी हो गया। उन्होंने लिखा, “मुझे नहीं पता कि परमेश्वर ने मुझे मेरी सुनने की शक्ति वापस क्यों नहीं दी।”
ऐसी बातें जो आपके दिल को तकलीफ देती है। परमेश्वर ये क्या हो रहा है ?! आखिर वह कुछ करता क्यों नहीं? जब मैं इस आदमी के लिए प्रार्थना कर रहा था, तो एक पुरानी कविता मेरे दिमाग में आई। इसका शीर्षक है “बुनकर”। कविता कुछ इस तरह से है:
मेरा जीवन मेरे परमेश्वर और मेरे बीच एक बुनाई है।
मैं रंगों का चयन नहीं कर सकता क्योंकि वह लगातार बुन रहा हैं।
कभी-कभी वह गहेरे धागे चुनता है और मैं मूर्ख गर्व में,
भूल जाता हूँ की वह ऊपरी सतह देखता है और मैं नीचे देखता हूँ ।
जब तक कि करघा चुप न हो जाए, और चरखी रुक न जाए,
जब तक परमेश्वर तस्वीर को पूरा न कर ले और इसका कारण न बताए,
गहरे रंग के धागे बुनकर के कुशल हाथों में उतने ही आवश्यक होते हैं,
जितने की उसकी योजना में सोने और चाँदी के धागे
अच्छे लोगों के साथ बुरी बातें क्यों होती हैं? उत्तर हमेशा स्पष्ट नहीं होता। लेकिन पुराने नियम में यूसुफ, जिसने अपने भाइयों के हाथों बहुत सारे अन्याय झेले, सब कुछ कहने सुनने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा:
उत्पत्ति 50:20 यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिससे वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं।
जो भी हो, परमेश्वर पर भरोसा रखे।
यह परमेश्वर का ताजा वचन है। आज। … आपके लिए…