जो कुछ आपके पास है
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1 धन और महिमा 29:12-14 इतिहास तेरी ओर से मिलती हैं, और तू सभों के ऊपर प्रभुता करता है। सामर्थ्य और पराक्रम तेरे ही हाथ में हैं, और सब लोगों को बढ़ाना और बल देना तेरे हाथ में है। इसलिये अब हे हमारे परमेश्वर! हम तेरा ध्न्यवाद और तेरे महिमायुक्त नाम की स्तुति करते हैं। मैं क्या हूँ? और मेरी प्रजा क्या है? कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है।
क्या मैं आज आपसे कुछ पूछ सकता हूँ? जब परमेश्वर के कार्य का समर्थन करने की बात आती है, तो उसके राज्य के निर्माण की ओर, क्या आप कंजूस हैं या उदार हैं? क्या आप हाथ रोक लेते हैं, या आप स्वतंत्र रूप से देते हैं?
ईमानदारी से, जब मैंने मसीह को स्वीकार किया तो परमेश्वर के कार्य के प्रति देने का विचार मेरे लिए बिल्कुल नया था। यहां तक कि जब मैंने रविवार की सुबह चंदे की थैली में अपने चंद सिक्कों को डालता था , तो मुझे तकलीफ होती थी ।
कल हमने देखा कि परमेश्वर के लोगों ने यरूशलेम में मंदिर के निर्माण के प्रति कितनी उदारता से दान दिया। दाऊद ने पहले स्वतंत्र रूप से और उदारता से दिया और फिर लोगों को भी देने के लिए चुनौती दी। उसकी उदारता जितनी प्रेरणादायक थी उतनी ही संक्रामक भी। इसके परिणामस्वरूप – विशाल – धन जमा हो गया । 190 टन सोना 375 टन चांदी और भी बहुत कुछ।
प्रश्न: दाऊद की चुनौती के माध्यम से परमेश्वर ने इतने शक्तिशाली रूप से कार्य क्यों किया, हो सकता है दाऊद की “उदारता की निधि” के कारण ?बाइबल मे लिखा है
1 इतिहास 29:12-14 धन और महिमा तेरी ओर से मिलती हैं, और तू सभों के ऊपर प्रभुता करता है। सामर्थ्य और पराक्रम तेरे ही हाथ में हैं, और सब लोगों को बढ़ाना और बल देना तेरे हाथ में है।इसलिये अब हे हमारे परमेश्वर! हम तेरा ध्न्यवाद और तेरे महिमायुक्त नाम की स्तुति करते हैं।मैं क्या हूँ? और मेरी प्रजा क्या है? कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है।
उत्तर, क्योंकि दाऊद जानता था कि जो कुछ उसके पास है, या जो कुछ लोगों को देना है, उनमें से कुछ भी उनका नहीं है। यह सब पहले स्थान पर परमेश्वर की ओर से आया था, और वे केवल उसे वापस दे रहे थे, क्योंकि उसने पहले से ही उन्हें आशीषित किया था।
आपके पास जो कुछ भी है वह सब आपको परमेश्वर ने दिया है। इस कारण , मैं आपसे फिर से पूछता हूं – क्या आप कंजूस हैं या उदार हैं?
यह उसका ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए..।