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तू मेरा परमेश्वर है

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भजन संहिता 63:1-4 परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है। इस प्रकार से मैं ने पवित्रास्थान में तुझ पर दृष्टि की, कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूं। क्योंकि तेरी करूणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूंगा। इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूंगा; और तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाऊंगा॥.

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तू मेरा परमेश्वर है


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पिछले कुछ दिनों में हमने देखा है कि यीशु हमेशा वह नहीं होता जो हम उससे होने की अपेक्षा करते हैं। कभी-कभी, यह थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन अच्छे कारण के लिए।

जब मैं एक बच्चा था, मेरे माता-पिता हमेशा वह नहीं थे जो मैं चाहता था कि वे हों। उन्होंने सीमाएँ निर्धारित कीं। और जब मैं ने उन सीमाओं को तोड़ा  तो उन्होंने मुझे अनुशासित किया। यह वह नहीं था  जो एक बच्चा चाहता है।

इन दिनों, मैं उन्हें गहरी इज्जत के साथ देखता हूं। अगर वे हमेशा वही होते जो मैं उन्हें चाहता , अगर उन्होंने मुझे वह सब दिया होता जो मैंने मांगा होता, तो मैं वह नहीं होता जो मैं आज हूं। और निस्संदेह, यह आपके बारे में भी सच है। और वही, निःसंदेह, परमेश्वर के साथ हमारे संबंध में भी सत्य है।

क्या आपको कभी परमेश्वर ने अनुशासित किया है? क्या वह आपको परीक्षाओं में ले गया है जो उस समय असंभव लग रहा था? मुझे निश्चित रूप से ऐसी उम्मीद है!

भजन संहिता 63:1-4 परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है।इस प्रकार से मैं ने पवित्रास्थान में तुझ पर दृष्टि की, कि तेरी सामर्थ्य और महिमा को देखूं।क्योंकि तेरी करूणा जीवन से भी उत्तम है मैं तेरी प्रशंसा करूंगा।इसी प्रकार मैं जीवन भर तुझे धन्य कहता रहूंगा; और तेरा नाम लेकर अपने हाथ उठाऊंगा॥.

यह शब्द राजा दाऊद के दिल से निकले, एक ऐसा व्यक्ति जो मुझ से या आप से अधिक जीवन और मृत्यु की परीक्षाओं से गुजरा था । और उसके मुंह से क्या निकलता है? बड़बड़ाना, या शिकायत ? नहीं, स्तुति का गीत। एक बदली हुई ज़िंदगी मे ऐसा ही होता है !

और यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए…