दुख उठाने की बुलाहट
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लूका 9:23,24 उस ने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा।
क्या आप जानते हैं कि हम में से अधिकांश क्या चाहते हैं? हम सब एक अच्छा, लंबा, आरामदायक, स्वस्थ, धनवान जीवन चाहते हैं जो संघर्ष से दूर और प्यार से भरा हुआ हो। एक अच्छी नौकरी जिसमे ज़्यादा दबाव न हो, एक अच्छा बास, कुछ अच्छे रिश्ते बस और क्या चाहिए?
मुझे पूरा यकीन है कि यदि आप इस बारे में ध्यान से सोचे, तो वे चीजें हैं जो आप अपने जीवन में भी चाहते हैं। एक अच्छा जीवन। लेकिन फिर, यीशु हमारे जीवन में आते है और हम से जो उनके अनुयायी, या उनके शिष्य होने की आकांक्षा रखते हैं ..कहते हैं……
लूका 9: 23,24 उस ने सब से कहा, यदि कोई मेरे पीछे आना चाहे, तो अपने आप से इन्कार करे और प्रति दिन अपना क्रूस उठाए हुए मेरे पीछे हो ले। क्योंकि जो कोई अपना प्राण बचाना चाहेगा वह उसे खोएगा, परन्तु जो कोई मेरे लिये अपना प्राण खोएगा वही उसे बचाएगा।
उन्हे ऐसी बढ़िया सलाह किस मार्केटिंग गुरु ने दी ? मेरा मतलब है, अगर आप किसी नए तरह के ईश्वर-आंदोलन को शुरू करना चाहते हैं, तो कम से कम, एक अच्छी विज्ञापन एजेंसी को अपने साथ लें । जिस बाज़ार को आप लक्ष्य कर रहे हैं उस के अनुसार अपने संदेश को तैयार करें। उस के बारे में जानकारी हासिल करें। अपने बारे में उन्हे बताएं , पैसा खर्च करें और फिर, अगर आपको वास्तव में इस पीढ़ा नाम की चीज को बेचना है, तो इसे बढ़ी नरमी से धीरे धीरे लोगों को बताएं। ।
मेरा अनुमान है की अगर आज ये होता तो ऐसा ही होता। और वास्तव में, आज कई तथाकथित मसीही अपने विश्वास के साथ ऐसा ही करते हैं।
जब तक यह मेरी जीवन शैली, मेरी जरूरतों और इच्छाओं, मेरी आशाओं और सपनों के साथ ठीक बैठता है…… तो ये ठीक है।
सच में , किस तरह का प्यार करने वाला परमेश्वर आपको बलिदान और पीड़ा के जीवन को गले लगाने के लिए कहेगा? ये कैसा मूर्खता भरा प्र्शन है ? उत्तर है …यीशु।
वो पीढ़ा सहने वाला परमेश्वर जो हमारी मदद करने के लिए आया था। हमें वो बनाने के लिए जैसा होने के लिए उसने हमें बनाया है। यीशु।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज … आपके लिए …।