न कुछ ज्यादा, न कुछ कम
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2 कुरिन्थियों 3:4,5 हम मसीह के द्वारा परमेश्वर पर ऐसा ही भरोसा रखते हैं। यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है।
हम सभी ऐसे लोगों को जानते हैं जो बहुत घमंडी होते हैं, और सोचते हैं कि वे ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर का उपहार हैं। और फिर ऐसे लोग भी हैं जो अपने को कम समझते हैं, क्योंकि उन्हें अपनी क्षमताओं पर पर्याप्त भरोसा नहीं होता है। तो इसका क्या जवाब है?
यह एक बड़ी दुविधा है। पैमाने के एक छोर पर अहंकार और अभिमान है, और दूसरे पर कम आत्मसम्मान और कम उपलब्धि। और फिर ऐसे लोग हैं जो संतुलन को सही पाते हैं, प्रभावी जीवन जीते हैं और अपने आसपास की दुनिया को प्रभावित करते हैं। तो आप सही संतुलन कैसे प्राप्त करते हैं?
2 कुरिन्थियों 3:4,5 हम मसीह के द्वारा परमेश्वर पर ऐसा ही भरोसा रखते हैं।यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है।
अपनी सेवा के प्रभाव के बारे में यहां पोलुस यह लिखते हैं । जहां वो अपनी और अपने काम की सराहना कर रहे हैं, लेकिन अभिमानी होने के लिए नहीं । क्योंकि उसका विश्वास ईश्वर और उन योग्यताओं पर है जो ईश्वर ने उसे दी हैं, स्वयं में नहीं।
यह परमेश्वर के वरदान के बारे में है। सच्चाई यह है कि परमेश्वर ने हममें से प्रत्येक को उसके लिए कार्य करने की योग्यताएं दी हैं। अहंकार तब होता है जब हम कार्य करते हैं जैसे कि वे उपहार और क्षमताएं हमारी अपनी हों और किसी तरह हम अधिक गुणी हैं क्योंकि यह वरदान हमारे पास है।
पैमाने के दूसरे छोर पर, ऐसे लोग हैं जो अपने परमेश्वर द्वारा दिए उपहारों को कमतर आंकते हैंऔर अपनी दैवीय रूप से दी गई क्षमताओं को नकारते हैं।
पोलुस जानता है कि कुछ भी अच्छा, कुछ भी जो दूसरों के जीवन में शाश्वत प्रभाव डालता है, वह स्वयं से नहीं आया, लेकिन परमेश्वर से, क्योंकि …
यह परमेश्वर है जो हमें वह सब करने में सक्षम बनाता है जो हम करते हैं।
इसलिए, वह करें जो परमेश्वर ने आपको करने के लिए सक्षम बनाया है। न कुछ ज्यादा, न कुछ कम।
वह उसका ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए.।