परमेश्वर के प्रति विश्वास योग्य कैसे बनें ।
We're glad you like it!
Enjoying the content? You can save this to your favorites by logging in to your account.
याकूब 4:4 अरे विश्वासघातियो! क्या तुम्हें यह मालूम नहीं कि संसार से मित्रता परमेश्वर से शत्रुता है? इसलिये उसने, जो संसार की मित्रता से बंधा हुआ है, अपने आपको परमेश्वर का शत्रु बना लिया है.
तो, आपकी पसंदीदा चीजें क्या है जो दुनिया आपको लुभाने के लिए दिखाती है? कपड़े, कार, छुट्टियां … या शायद यह एक विश्वास या व्यवहार जो “बाहर” लोकप्रिय है लेकिन परमेश्वर के साथ नहीं। वह क्या चीज है?
मुझे नई नई तकनीक लुभाती है – हमेशा.. । यह मेरा शौक है। नई तकनीक के बारे में पढ़ना, और हो सके तो नई तकनीक की चीजों को खरीदना। और बशर्ते कि यह “शौक” परमेश्वर का सम्मान करने की मेरी क्षमता को प्रभावित नहीं करता है, उसके काम के लिए देने में रुकावट नहीं बनता और मेरे परिवार की जरूरतों को पूरा करता है। एक सीमा तक यह ठीक है।
लेकिन जब आपका “शौक” एक मूर्ति पूजा बन जाता है; या जैसा कि मैंने कहा, एक रवैया, विश्वास या व्यवहार जो दुनिया हमें बताती है यह ठीक है लेकिन जो परमेश्वर की इच्छा के विरुद्ध है, तो सतर्क हो जाएं।
और आजकल इतनी सारी लुभाने वाली चीजों के साथ, ऐसा लगता है कि शैतान के पास हमें भटकाने के अधिक से अधिक अवसर हैं। उनमें से कई, अपने आप में, बुरी चीजें नहीं हैं … लेकिन जब हम उन्हें परमेश्वर से ऊंचे स्तर पर रखते हैं, जब हम उन्हें परमेश्वर से अधिक महत्व देते हैं, तो यह एक समस्या है। बहुत बड़ी समस्या।
याकूब 4:4 अरे विश्वासघातियो! क्या तुम्हें यह मालूम नहीं कि संसार से मित्रता परमेश्वर से शत्रुता है? इसलिये उसने, जो संसार की मित्रता से बंधा हुआ है, अपने आपको परमेश्वर का शत्रु बना लिया है.
परमेश्वर से प्रेम करने का अर्थ है उसके प्रति विश्वासयोग्य होना। ठीक वैसे ही जैसे एक पति या पत्नी का अपने जीवनसाथी से प्रेम करने का अर्थ है उनके प्रति विश्वासयोग्य होना। अगर हम इस दुनिया की चीजों से प्यार करके उसके प्रति विश्वासयोग्य नहीं रहते तो हम परमेश्वर के मुह पर थप्पड़ मार रहे हैं। अगर हम इस दुनिया की बुराई से दोस्ती करते हैं, तो हम परमेश्वर के दुश्मन बन जाते हैं।
इस चेतावनी पर ध्यान दें। दुनिया की चीजों से प्यार ना करें।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।