परमेश्वर मार्ग बनाएगा
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निर्गमन 14:21,22 और मूसा ने अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ाया; और यहोवा ने रात भर प्रचण्ड पुरवाई चलाई, और समुद्र को दो भाग करके जल ऐसा हटा दिया, जिससे कि उसके बीच सूखी भूमि हो गई। तब इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर हो कर चले, और जल उनकी दाहिनी और बाईं ओर दीवार का काम देता था।
कल्पना कीजिए, आप मिस्र से भाग रहे दासों का एक समूह हैं। मिस्र की सेना आपका पीछा कर रही है और बहुत नजदीक या रही है। फिर, अचानक, आप लाल सागर के सामने हैं और – पार करने का कोई रास्ता नहीं, बचने का कोई रास्ता नहीं। अब क्या होगा ?
ठीक यही स्थिति थी जब एक लाख से अधिक इस्राएलियों के सामने यही स्तिथि थी , जब परमेश्वर की शक्ति से, वे सदियों की दासता से मुक्त हो गए थे , और फिरौन ने अपना विचार बदल लिया था ।
अब उनके सामने एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई थी या शाब्दिक रूप से, एक तरफ दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य शक्ति और एक और दूसरी तरफ समुद्र! ओह परमेश्वर , आप क्या सोच रहे थे?
आप इसके बारे में निर्गमन 14 में पढ़ सकते हैं। यह पता चलता है कि परमेश्वर ने जानबूझकर फिरौन के हृदय को कठोर कर दिया था। परमेश्वर ने जानबूझकर अपने लोगों को खतरे में डाला था। सनसनीखेज !!!
क्या आपने खुद को कभी उस जगह पर नहीं पाया? परमेश्वर आप क्या सोच रहे थे? मेरे रास्ते में यह बाधा क्यों ? यह कैसे हो सकता है जब आपने मेरे लिए यहां आने का रास्ता खोल दिया?
और फिर अंत में, यह महान बाधा … परमेश्वर इस बाधा को दूर कर दें ताकि मैं इसे पार कर सकूं! आप और मैं कितनी बार इस तरह की प्रार्थना करते हैं?
परन्तु परमेश्वर ने लाल समुद्र को दूर नहीं किया। उन्होंने कुछ पूरी तरह से अलग किया, पूरी तरह से अप्रत्याशित:
निर्गमन 14:21,22 और मूसा ने अपना हाथ समुद्र के ऊपर बढ़ाया; और यहोवा ने रात भर प्रचण्ड पुरवाई चलाई, और समुद्र को दो भाग करके जल ऐसा हटा दिया, जिससे कि उसके बीच सूखी भूमि हो गई।तब इस्राएली समुद्र के बीच स्थल ही स्थल पर हो कर चले, और जल उनकी दाहिनी और बाईं ओर दीवार का काम देता था।
यहाँ परमेश्वर ने कभी भी लाल सागर को दूर ले जाने की योजना नहीं बनाई थी। उसने रास्ता बनाने की योजना बनाई। मेरी बात सुनिए – परमेश्वर आपके लिए भी मुश्किलों के बीच से एक रास्ता बना देगा!
यह उसका ताज़ा वचन है। आज .आपके लिए.।